पटना 01 मार्च 2024
बेगुसराय में सार्वजनिक समारोह देश में ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन का गवाह बनेगा। इस दिन प्रधानमंत्री लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की अनेक तेल और गैस परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं केजी बेसिन के साथ-साथ देश भर के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में फैली हुई हैं।

प्रधानमंत्री केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे और ओएनजीसी कृष्णा गोदावरी गहरे पानी परियोजना से पहले कच्चे तेल टैंकर को हरी झंडी दिखाएंगे। केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ निकालना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो ऊर्जा आयात पर हमारी निर्भरता को काफी कम कर देगी। यह परियोजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात भी करेगी, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती और आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की तेल एवं गैस क्षेत्र की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें 11,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत के साथ बरौनी रिफाइनरी के विस्तार की आधारशिला रखना और बरौनी रिफाइनरी में ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन; पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का पटना और मुजफ्फरपुर सहित अन्य तक विस्तार शामिल है।
देश भर में शुरू की जा रही अन्य महत्वपूर्ण तेल और गैस परियोजनाओं में हरियाणा में पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का विस्तार; पानीपत रिफाइनरी में 3-जी इथेनॉल संयंत्र और उत्प्रेरक संयंत्र; आंध्र प्रदेश में विशाख रिफाइनरी आधुनिकीकरण परियोजना (वीआरएमपी); सिटी गैस वितरण नेटवर्क परियोजना के दायरे में पंजाब के फाजिल्का, गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को रखा गया है। इसी तरह, गुलबर्गा कर्नाटक में नया पीओएल डिपो, महाराष्ट्र में मुंबई हाई नॉर्थ पुनर्विकास चरण -IV, आदि भी इसमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) की आधारशिला भी रखेंगे।
प्रधानमंत्री बरौनी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। 9500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह संयंत्र किसानों को किफायती दर पर यूरिया उपलब्ध कराएगा और उनकी उत्पादकता तथा वित्तीय स्थिरता में वृद्धि करेगा। यह देश में फिर से चालू होने वाला चौथा उर्वरक संयंत्र होगा।
प्रधानमंत्री लगभग 3917 करोड़ रुपये की अनेक रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इनमें राघोपुर-फारबिसगंज गेज परिवर्तन की परियोजना; मुकुरिया-कटिहार-कुमेदपुर रेल लाइन का दोहरीकरण; बरौनी-बछवारा तीसरी और चौथी लाइन के लिए परियोजना, कटिहार-जोगबनी रेल खंड का विद्युतीकरण, सहित अन्य परियोजनायें शामिल हैं। ये परियोजनाएं यात्रा को और अधिक सुलभ बनाएंगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री चार ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे जिनमें दानापुर-जोगबनी एक्सप्रेस (दरभंगा-सकरी के रास्ते); जोगबनी-सहरसा एक्सप्रेस; सोनपुर-वैशाली एक्सप्रेस; और जोगबनी-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस हैं।
प्रधानमंत्री देश में पशुधन के लिए एक डिजिटल डेटाबेस – ‘भारत पशुधन’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम) के तहत विकसित, ‘भारत पशुधन’ प्रत्येक पशुधन को आवंटित एक अद्वितीय 12-अंकीय टैग आईडी का उपयोग करेगा। परियोजना के तहत अनुमानित 30.5 करोड़ गोवंश में से लगभग 29.6 करोड़ को पहले ही टैग किया जा चुका है और उनका विवरण डेटाबेस में उपलब्ध है। ‘भारत पशुधन’ गोवंश के लिए ट्रैसेबिलिटी प्रणाली प्रदान करके किसानों को सशक्त बनाएगा और बीमारी की निगरानी व नियंत्रण में भी मदद करेगा।
प्रधान मंत्री ‘1962 फार्मर्स ऐप’ भी लॉन्च करेंगे। यह एक ऐसा ऐप है, जो ‘भारत पशुधन’ डेटाबेस के तहत मौजूद सभी डेटा और सूचनाओं को रिकॉर्ड करता है, जिसका उपयोग किसान कर सकते हैं।