पटना 13 मई 2024
आलोचना को शालीनता से स्वीकार करना एक मूल्यवान कौशल है। इससे व्यक्तिगत विकास और सुधार हो सकता है। विद्यार्थी जीवन में भी आलोचना स्वीकार करने का साहस उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। उक्त बातें आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टी. एन. सिंह ने आईआईटी पटना में आयोजित यूफोरिया 2024 कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं.
आईआईटी पटना के सक्रिय प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सेल समन्वयकों के उत्कृष्ट प्रयासों का सम्मान करने के लिए यूफोरिया 2024 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उनका योगदान प्लेसमेंट गतिविधियों के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने और साथियों के करियर विकास को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब टीपीसी इस तरह के पुरस्कार समारोह की मेजबानी की है।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 के कार्यक्रम में टीपीसी की प्रभावशाली उपलब्धियों, उद्योग के साथ नव स्थापित शैक्षणिक-उद्योग नेटवर्क और टीपीसी यात्रा पर प्रकाश डाला गया। ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट अधिकारी श्री कृपा शंकर सिंह ने अपने उदबोधन में टीपीसी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बतायाI आगे उन्होंने कहा कि जीवन में पहली नौकरी बहुत महत्वपूर्ण होती है और यह जीवन का टर्निंग प्वाइंट होती है. यह किसी के दीर्घकालिक समृद्ध करियर को आकार देने में मदद करता है। पी.आई.सी डॉ. अश्वनी असIम द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 में टीपीसी की उपलब्धियों का एक संक्षिप्त प्रदान किया गया। एडीन रिसोर्सेज और एडीन आर एंड डी, डॉ. अनूप केशरी ने टीपीसी समन्वयकों के समर्पण की सराहना की।
आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टी.एन. सिंह ने निर्णय लेने में पाठ्येतर गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने आईआईटी पटना के बुनियादी ढांचे के विकास पर अपडेट प्रदान करते हुए अपने ज्ञान और अनुभव से छात्रों को प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने टीपीओ, पीआईसी और टीपीसी समन्वयकों की प्रतिबद्धता और प्रयासों की सराहना की। एंकर शिवम मत्ता और भावना लतारे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। यूरेका 2K24 कार्यक्रम पारंपरिक केक काटने की रस्म के साथ संपन्न हुआ। एक समूह फोटो सत्र और एक सिग्नेचर वॉल कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों के लिए यादगार क्षण प्रदान किए।