पटना 5 सितम्बर 2024

बिहार विद्यापीठ देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रशिक्षुओं द्वारा शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया।

 इस अवसर पर श्री विजय प्रकाश, अध्यक्ष, बिहार विद्यापीठ ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को स्मरण और नमन करते हुए कहा कि हमारे द्वितीय राष्ट्रपति और प्रथम उपराष्ट्रपति का जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन मूलतः एक शिक्षक थे। उनका मानना था कि मूलतः शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। शिक्षक ही कक्षाओं में भावी राष्ट्र का सृजन करते है। हालांकि आचार्य रजनीश ने तब वक्तव्य दिये थे कि एक शिक्षक राजनेता बन जाए यह राष्ट्र के लिए काला दिन है। जब एक राजनेता शिक्षक बन जाए तब बड़ी बात होगी। भविष्य में उनका सपना साकार हुआ और डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त के बाद अध्यापन का कार्य किया।

उन्होंने अपने नेतरहाट विद्यालय के शिक्षकों को नमन करते हुए नेतरहाट के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि नवाचारी शिक्षण पद्धति के गुरु बताया। हमारे गणित के शिक्षक मनोज कुमार बच्चों से कहते थे कि जो बच्चा पहले गणित बना लेगा, वह बोर्ड पर जाकर गणित बनाएगा ऐसी परंपरा को प्रश्रय दिया करते थे। वे स्वयं बोर्ड पर गणित नहीं पढ़ाते थे। इस अभ्यास से बच्चे गणित में बहुत अच्छा करने लगे। इस तरह के शिक्षण पद्धति को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण कभी भी कहीं भी संभव है। युद्ध के मैदान में शिक्षा प्रदान करने वाला श्री कृष्ण अनोखे शिक्षक हैं। श्री कृष्ण के जीवन की घटनाओं का उदाहरण उद्धरण सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जो जीवन जीने की कलाओं और कौशल को सिखाए वही सच्चा शिक्षक हैं। श्री कृष्ण के सिखाने की पद्धति को अपनाना चाहिए। शिक्षक दिवस पर उन सभी गुरुजनों को मेरा नमन जिनसे मैंने सीखा है।

रागिनी और कृति डी एल एंड की छात्राओं ने घर मोरे परदेशिया पर नृत्य प्रस्तुत किया आशीष बी एड द्वितीय वर्ष ने स्वरचित कविता पाठ किया। शिक्षकों के सम्मान में प्रशिक्षुओं, प्राध्यापकों प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर विजय प्रकाश अध्यक्ष बिहार विद्यापीठ ने अपनी स्वरचित कविता अब एकलव्य पढ़ जाएगा का पाठ किया। डॉ मृदुला प्रकाश निदेशक शिक्षा संस्कृति एवं संग्रहालय ने मिमिक्री, नृत्य संगीत की प्रस्तुति की । वित्त मंत्री विवेक रंजन ने गजल गीत का गायन किया। प्राचार्य डॉ पूनम वर्मा ने भी गीत का गायन किया साथ-ही-साथ अपने संबोधन में कहा कि आज समाज में नैतिकता बहाल करने की आवश्यकता है और यह मस्ती कार्य हमारे शिक्षक ही कर सकते हैं।। सहायक मंत्री उर्मिला कुमारी ने भी गीत का गायन किया।यह सांस्कृतिक कार्यक्रम लाटरी के माध्यम से आयोजित किया गया। सभी शिक्षकों को पारितोषिक प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रशिक्षुओं द्वारा पदाधिकारियों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। एक समरसता का माहौल बना और संगगच्छद्धवं संबद्धवम् के मंत्र को चरितार्थ किया।

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