पटना, 04 जनवरी 2025

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा समुदाय की बेहतरी के लिए अनेकों काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का पता इस बात से चलता है कि वित्तीय वर्ष 2008-09 में इस विभाग का वार्षिक योजना बजट जहां 42.17 करोड़ रुपया था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 1878.53 करोड़ रुपया हो गया। इस प्रकार विभाग का योजना आकार पंद्रह वर्षों में बढ़कर लगभग 44 गुणा हो गया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिशों के चलते ही राज्य में जाति आधारित गणना का काम सफलता पूर्वक हो सका। इसके आंकड़ों के मुताबिक राज्य सरकार की सेवाओं तथा राज्य सरकार को पूर्णतः या अंशतः सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन हेतु पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग को पूर्व में दिए जा रहे आरक्षण को क्रमशः 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बिहार विधानमंडल से बिहार पंचायती अधिनियम, 2006 पारित होने के बाद बिहार पूरे देश में ऐसा पहला राज्य बना, जिसने अति पिछड़े वर्ग के लिए पंचायतों में 20 प्रतिशत तक का आरक्षण दिया। इसके बाद वर्ष 2007 में त्रिस्तरीय पंचायों की तरह नगर निगमों एवं नगर निकायों के सभी कोटि के पदों पर अति पिछड़े वर्ग के लोगों को 20 प्रतिशत तक का आरक्षण प्रदान कर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया। वर्ष 2006-07 में पिछड़े वर्ग के लिए राज्य आयोग तथा अति पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग का गठन किया गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य के अत्यंत पिछड़ा वर्ग के वैसे अभ्यर्थी, जो सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं उन्हें मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी हेतु राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता देने के मकसद से वित्तीय वर्ष 2018-19 में ‘मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना’ लागू की। इस योजना के अतंर्गत बिहार लोक सेवा आयोग,पटना द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी हेतु एकमुश्त 50 हजार तथा संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर एकमुश्त 1 लाख रुपए की राशि दी जाती है। आज इस योजना का लाभ इस समुदाय से जुड़े हजारों छात्रों को मिल रहा है।

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