पटना 11 मार्च 2024

VGF योजना के तहत DBFOT आधार पर PPP मोड के माध्यम से बक्सर (बिहार) में खाद्यान्न साइलो का विकास

  1. बक्सर साइलो : परिचय
    भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ निजी-सार्वजनिक साझेदारी (PPP) मॉडल के तहत निर्मित चावल भंडारण के लिए देश का पहला साइलो है।
    नेशनल कमोडिटी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (NCML) द्वारा डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल (DBFOT) के तहत बक्सर में 12500 मी. टन चावल की संयुक्त क्षमता वाले साइलो भण्डारण का निर्माण किया गया है।
    यह भंडारण के दौरान खाद्यान्न को उत्तम वैज्ञानिक पद्दति से संग्रहण करने की तकनिकी व्यवस्था के आधार पर चावल के लिए स्टील साइलो स्थापित करने की सरकार की पायलट परियोजना का हिस्सा है।
    भारतीय खाद्य निगम (FCI) 30 वर्षों तक खाद्यान्न का भंडारण करेगी जबकि साइलो का संचालन निजी संस्था द्वारा किया जाएगा ।
    बक्सर साइलो की कुल भंडारण क्षमता 50000 मीट्रिक टन है जिसमें चावल साइलो की भंडारण क्षमता 12500 मी. टन ( = 3125 टन X 4 साइलो बिन) एवं गेंहू साइलो की भंडारण क्षमता 37500 मी. टन ( = 12500 टन X 3 साइलो बिन) है ।
  2. स्टील साइलो का मुख्य उद्देश्य :
    स्टील साइलो को बनाने का मुख्य उद्देश्य फसल कटाई के बाद भण्डारण के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने, अनाज की गुणवत्ता को संरक्षित करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से खाद्यान्न के थोक रखरखाव और भंडारण के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से खाद्यान्न की मात्रा और गुणवत्ता संरक्षित करना है।
    साइलो थोक खाद्यान्न के भंडारण के लिए एक स्टील संरचना है जो खाद्यान को बोरों में भरे बिना ही थोक रूप में भंडारित करता है |
    साइलो में खाद्यान्न को उसकी मात्रा के अनुसार कंप्यूटरीकृत अनलोडिंग सिस्टम के द्वारा भण्डारण एवं रखरखाव किया जाता है, जिससे समय की बचत तथा नुकसान कम होता है।
    कुशल भंडारण : इस चावल साइलों में 12500 मी. टन चावल संरक्षित कर सकते हैं, जबकि पारंपरिक भडारण प्रणालियों में भंडारण की मात्रा सीमित है।
    यह विशिष्ट निर्मित चावल साइलो एयरटाइट तकनीक से सुसज्जित है जो चावल को वातावरण में मौजूद नमी से बचाता है। स्टील्स ऑटोमेशन सिस्टम, वातन प्रणाली और उन्नत खाद्यान हैंडलिंग से सुसज्जित अनाज भंडारण प्रणाली की पेशकश करता है। चावल साइलो भण्डारण के दौरान कीट नियंत्रण और अनाज की गुणवत्ता बनाए रखने में सक्षम हैं।
  3. परियोजना पृष्टभूमि एवं अवलोकन :
    19.09.2012 को सचिव (आर्थिक मामले) की अध्यक्षता में हुई बैठक के अनुसार, यह निर्णय लिया गया कि आर्थिक कार्य विभाग ( Department of Economic Affairs), एशियाई विकास बैंक-DEA पायलट प्रोजेक्ट पहल के तहत एक पायलट योजना विकसित करेगा ।
    इस पहल के तहत बक्सर साइलो पायलट प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई थी। परियोजना की तैयारी आर्थिक कार्य विभाग(DEA) द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के परामर्श से उनके नियुक्त लेनदेन सलाहकार मेसर्स क्रिसिल के माध्यम से की गई थी ।
    FCI के पुनर्गठन पर उच्च स्तरीय समिति (HLC) ने साइलो के निर्माण की सिफारिश की। तदनुसार, 2016 में भारत सरकार द्वारा 100 LMT गेहूं और चावल साइलो के निर्माण की कार्य योजना को मंजूरी दी गई ।
    दिनांक 01.09.2016 की 73वीं बैठक में परियोजना लागत के 20% तक VGF के लिए सैद्धांतिक मंजूरी अधिकार प्राप्त संस्थान से प्राप्त हुई थी।
  4. क्षमता एवं परियोजना की लागत :
    स्थान
    भण्डारण क्षमता
    (गेंहू : 37,500 & चावल : 12,500)
    अधिकृत योजना लागत ( करोड़ में )
    बक्सर
    50,000 मी.ट.
    32.64

3125 मीट्रिक टन चावल साइलो बिन और 12500 मीट्रिक टन गेहूं साइलो बिन के लिए मानक आकार है।
31.5 वर्ष की रियायती अवधि ( Concession Period) (1.5 वर्ष की निर्माण अवधि सहित)
भूमि रियायतग्राही (Concessionaire) द्वारा खरीदी गई और प्रचलित सर्कल दरों पर प्राधिकरण (FCI) को हस्तांतरित कर दी गई है (भूमि की आवश्यकता : 7 – 7.5 एकड़ प्रति स्थान)

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