पटना 24 अप्रैल 2024

जद(यू) प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद, पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता सह विधानपार्षद नीरज कुमार और प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने आरजेडी पर बिहार में सत्ता में भागीदार रहकर भी शराब कंपनियों से करोड़ों रुपए के मिले इलेक्टोरल बाॅन्ड को लेकर गंभीर सवाल उठाए।

पार्टी प्रवक्ताओं ने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला में आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव भी शामिल थे। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, इसको लेकर आरजेडी ने भी संकल्प लिया था। लेकिन इसके बावजूद जुलाई 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक आरजेडी ने चुनावी चंदे की मिली कुल 70 करोड़ रुपए की राशि में शराब कंपनियों से करीब 46 करोड़ रुपया हासिल किया?

पार्टी प्रवक्ताओं ने आरजेडी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर आरजेडी का शराबबंदी को लेकर ये विधानसभा में लिया गया ये कैसा संकल्प था? उन्होंने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में भागीदर रहकर उन्होंने बिहार से शराबबंदी को हटाने को लेकर अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया और ये भी एक बड़ी वजह रही जिससे दुखी होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरजेडी को सत्ता से बाहर करने का फैसला लेना पड़ा।

पार्टी प्रवक्ताओं ने मीडिया संबोधन के दौरान आरजेडी से कुछ अहम और गंभीर सवाल पूछे:

  1. जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है तो आखिर शराब कंपनियों ने ही आरजेडी को उसके कुल चुनावी चंदे का 63 फीसदी चंदा क्यों दिया? क्या ये राजनीतिक जालसाजी नहीं है? क्या तेजस्वी यादव ने राज्य से पूर्ण शारबबंदी हटाने को लेकर उनसे राजनीतिक डील की?
  2. आरजेडी को मिले कुल 74 करोड़ के इलेक्टोरल बाॅन्ड में शराब कंपनियों ने पार्टी को 63 फीसदी का इलेक्टोरल बाॅन्ड दिया है । आरजेडी ये बताए कि आखिर उसका शराब कंपनियों से उसका क्या रिश्ता है?
  3. आरजेडी को चुनावी चंदे देने में पश्चिम बंगाल में अवस्थित कंपनियां शामिल हैं। आरजेडी ये बताए कि पश्चिम बंगाल के शराब बनाने वालों के साथ तेजस्वी यादव का आखिर क्या कनेक्शन है?
  4. आरजेडी ये बताए कि कहीं शराब कंपनियों से मिले इलेक्टोरल बाॅन्ड के बदले आरजेडी ने इन कंपनियों को ये भरोसा दिया था कि बिहार में शराबबंदी खत्म कर दी जाएगी ?
  5. आरजेडी ये बताए कि जिस कंपनी आईएफबी एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कुल प्रोफिट ही साल 2023-24 में महज 13.87 करोड़ रुपए का हो और वो कंपनी खुद को घाटे में बता रही है तो ऐसे में आखिर किस हैसियत से वो आरजेडी को उसी साल 35 करोड़ का चुनावी चंदा देती है? पार्टी प्रवक्ताओं ने चुनौती देते हुए कहा कि इस मामले में जेडीयू के आरोपों पर आरजेडी को तर्कसंगत जवाब देना चाहिए।

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