पटना 14 मई 2024

मंगलवार को ए. आईं . सी. बिहार विद्यापीठ द्वारा  भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सन्दर्भ में विश्वविद्यालयों की भूमिका पर एक मास्टर क्लास आयोजित किया गया । इस अवसर पर बोलते हुए श्री विजय प्रकाश, अध्यक्ष, बिहार विद्यापीठ ने अपने संबोधन में कहा कि 2047 तक भारत को विश्व के प्रथम दो देशों में ले जाने के लिए जहां आधुनिक तकनीकों पर काम करने की जरूरत है वहीं तकनीकों केआधार  पर उद्यम भी स्थापित करने की जरूरत है| यह भी ध्यान देने की आवश्कता है कि भारत जहाँ अठारहवीं सदी तक विश्व का अग्रणी उत्पादक देश था, पिछले दो तीन सदियों में फिसलकर इस सदी के प्रारंभ तक 11 वें स्थान पर चला गया| अब औद्योगिक क्रांति 4.0 में आगे बढ़ने के लिए रोबोटिक्स, सेंसर नेटवर्क ड्रोनब्लॉक चेन थ्री डी प्रिंटिंग से जुड़े टेक्नोलॉजी को बड़े पैमाने पर सीखने की जरूरत है| उन्होंने बताया कि पेटेंट किये गए अनुसंधानों के व्यापारीकरण की दिशा में काफी काम करने की जरूरत है |

डॉ प्रभात रंजन, कुलपति, डी वाई पाटिल इंटरनेशनल विश्वविद्यालय पुणे ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में बताया कि टाईफैक के द्वारा विक्सित टेकनोंलोजी विज़न 2035 डोक्युमेंट में जीवन की गुणवत्ता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है| इसमें अगले वर्षों में आने वाले टेक्नोलोजी की पहचान की गयी  है। टेक्नोलॉजी त्वरित  गति से बदल रहा है।  इसलिए पाठ्यक्रम में भी उतनी ही तेजी से बदलाव लाने की जरूरत है | शिक्षा का प्रभाव समाज पर दूरगामी होता है । इसमें विश्वविद्यालयों को पहल करने की जरूरत है | सेमीकंडक्टर, इन्फ्रास्ट्रक्चर (आधारभूत संरचना) और उत्पादन के क्षेत्र में बड़े बदलाव आने वाले हैं | इसको ध्यान में रखते हुए  उन्होंने बताया कि देश में पहली बार बी टेक (सेमीकंडकटर) की पढाई डी वाई पाटिल अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में प्रारंभ की गयी है| उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिक तथा केमिकल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में भी नए तकनीकी संभावनाएं के आलोक में परिवर्तन करने पर बल दिया | उन्होंने बिहार के विकास के लिए बड़े पैमाने पर निजी एवं सरकारी उच्च शिक्षा के संस्थानों को बनाने की आवश्यकता बतायी ।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष नैनोटेक्नोलॉजी डॉ राकेश कुमार सिंह, ने अपने संबोधन में कहा कि नैनोटेक्नोलॉजी का प्रयोग कर कई पेटेंट करवाये गए है।आर्य भट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में नैनोटेक्नोलॉजी का लैब  बहुत समृद्ध बना है।

डॉ अनिल प्रसाद, डॉ वाई एल दास,  डॉ संजय पाण्डेय,डॉ ए के  वर्मा आदि ने लघु उद्योगों, स्टार्टअप,  मशीनीकरण के कारण श्रमिकों की बढ़ती बेरोजगारी, आदि से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे ।

डॉ राणा अवधेश, सचिव बिहार विद्यापीठ, डॉ मृदुला प्रकाश, निदेशक बिहार विद्यापीठ, अवधेश  के नारायण सहायक मंत्री, विवेक रंजन वित्त मंत्री  भी कार्यक्रम में उपस्थित थे । प्रमोद कुमार कर्ण, सी ओ ए आई सी बी वी फाउण्डेशन ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। डॉ राकेश रंजन ने मंच संचालन  करते हुए विचारों को समेकित किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ पूनम वर्मा, सभी सहायक प्राध्यापक सहित महाविद्यालय के प्रशिक्षु भी  इस अकादमिक संगोष्ठी से लाभान्वित हुए ।

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