पटना 18 मई 2024

जद(यू) प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद और सुश्री अनुप्रिया ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आज जब सिंगापुर से पलायन कर छपरा चुनाव लड़ने आयी बेटी रोहिणी आचार्य के चुनाव प्रचार की बारी आयी तो लालू प्रसाद यादव राजनीतिक नजरबंदी से बाहर निकल आए। साथ ही अपनी दूसरी बेटी मीसा भारती के चुनाव प्रचार के लिए वो मेडिकली फिट हो गए। वहीं इस चुनाव के दौरान दलित और अति पिछड़ा समुदाय से चुनाव लड़ रहे आरजेडी उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने की बारी आयी तो लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य का बहाना बना लिया।

पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि खराब स्वास्थ्य और तपती गर्मी के बाद भी लालू प्रसाद बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के लिए पाटलिपुत्र और छपरा में घूम-घूमकर लोगों से वोट मांगते हैं, वहीं दूसरी तरफ पटना के बगल में हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे दलित समुदाय के उम्मीदवार शिवचंद्र राम, सीतामढ़ी से चुनाव लड़ रहे पिछड़ा वर्ग और उन्हीं के समुदाय के अर्जुन राय, पूर्णिया से उन्हीं की पार्टी से गरीब और अति पिछड़ा समुदाय से उम्मीदवार बीमा भारती के लिए चुनाव प्रचार करने के बदले घर में आराम करते हैं।  उन्होंने लालू प्रसाद से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या दलित और अति पिछड़ा समुदाय के उम्मीदवारों के लिए उनके दिल में यही सम्मान की भावना है?

इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने लालू प्रसाद यादव से कुछ अहम और गंभीर सवाल पूछे:

1.क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव अपने बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के चुनाव प्रचार के लिए तो स्वस्थ हो गए, लेकिन चूंकि इनके मन में दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय के लोगों का राजनीतिक संहार करना है, इसलिए वो हाजीपुर से दलित समुदाय से शिवचंद्र राम, सीतामढ़ी से

पिछड़ा समुदाय से अर्जुन राय, जमुई से दलित समुदाय की अर्चना रविदास, औरंगाबाद से चुनाव लड़ रहे कुशवाहा समाज के अभय कुशवाहा और नवादा सीट से चुनाव लड़ रहे कुशवाहा समुदाय के श्रवण कुशवाहा का चुनाव प्रचार करने नहीं गए?

  1. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद आज के राजनीतिक सामंत हैं और उनके दिल में दलितों, पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय के लिए कोई सम्मान नहीं है?
  2. क्या ये सही नहीं है कि चुनाव लड़ने के लिए लालू प्रसाद ने आरजेडी उम्मीदवारों को सिंबल तो खुद दिया लेकिन चुनाव प्रचार केवल अपनी बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के लिए कर रहे हैं? आखिर ये कैसा दोहरापन है?
  3. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव को तो राजनीतिक तौर पर नजरबंद कर दिया गया था? लेकिन रोहिणी आचार्य और मीसा भारती ने इन्हें उस राजनीतिक नजरबंदी से बाहर निकाला?
  4. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव परिवारवाद के पोषक हैं ? जबकि महज वोट पाने के मकसद ही उनके दिल में पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलितों के लिए सम्मान झलकता है?
  5. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव कभी नहीं चाहते कि राज्य में दलित और अति पिछड़ा समुदाय सशक्त हो और उस समुदाय का कोई भी उम्मीदवार चुनाव जीते?
    उन्होंने कहा कि हालत यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी आरजेडी जीरो पर आउट होगी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता लालू प्रसाद यादव के कुशासन और तेजस्वी यादव के झूठे वादों को कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय के मतदाता माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में किए गए विकास के कामों और विकासोन्मुखी नीतियों से प्रभावित होकर मतदान कर रहे हैं।

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