नई दिल्ली ,28 दिसंबर 2022

केन्‍द्रीय आवास और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि “‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग 2022’ का उद्देश्य तीन वित्तीय मानकों अर्थात् संसाधन जुटाने, व्‍यय प्रदर्शन तथा राजकोषीय शासन प्रणालियों के आधार पर यूएलबी का मूल्यांकन, पहचान और पुरस्‍कार देना है। वह आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में मंत्रालय की दो प्रमुख पहल- ‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022’ और ‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ लॉन्च की गईं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

मंत्री महोदय ने कहा कि मई, 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यभार संभाला था, तब उन्होंने शहरीकरण को देखने का निर्णय लिया था। उन्होंने शहरीकरण को एक चुनौती के रूप में अपनाया और इसे जीत दिलाई। स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) जैसी प्रमुख योजनाएं जहां सरकार की परियोजना एक जन आंदोलन के रूप में समाप्‍त हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और एसबीएम 2.0 लॉन्च की गई हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से अपशिष्ट प्रसंस्करण और प्रबंधन की मात्रा में महत्‍वपूर्ण वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “भारत ने विश्‍वभर में कहीं भी शहरी कायाकल्प की सबसे महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है।”

आज लॉन्‍च की गई पहलों के विचार के बारे में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस वर्ष जून में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से मुलाकात में माननीय प्रधानमंत्री ने यह विचार व्‍यक्‍त किया और उन्‍होंने इस सम्‍मेलन के दौरान वित्‍तीय मामले में नगर निकायों के बीच स्‍वस्‍थ स्‍पर्धा को बढ़ावा देने के लिए शहरों की अखिल भारतीय रैंकिंग के विजन को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के बीच यह धारणा बढ़ रही है कि यदि आपके पास स्वस्थ वित्त है, यदि आपकी प्रक्रियाएं पारदर्शी हैं तो भूमि का मूल्य बढ़ जाता है और लॉन्‍च किए जा रहे इस उद्यम की सुंदरता यही है।

‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ के बारे में उन्‍होंने कहा कि यह सुंदर, नवाचारी और समावेशी सार्वजनिक स्थान बनाने की दिशा में भारत में शहरों और वार्डों द्वारा किए गए परिवर्तनकारी प्रयासों को प्रोत्साहित करने तथा पहचानने के लिए शुरू किया गया है।

सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022′ :

‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022’ का उद्देश्य भारत के शहरों (शहरी स्थानीय निकायों या यूएलबी) का मूल्यांकन, पहचान और पुरस्‍कार, उनके वर्तमान वित्तीय स्वास्थ्य की गुणवत्ता और वित्तीय प्रदर्शन में समय के साथ सुधार के आधार पर करना है।

रैंकिंग का उद्देश्य नगरपालिका वित्त सुधारों को लागू करने के लिए शहर/राज्य के अधिकारियों तथा निर्णय लेने वालों को प्रेरित करना है। भाग लेने वाले यूएलबी का मूल्यांकन तीन प्रमुख नगरपालिका वित्त मूल्यांकन मानकों में 15 संकेतकों पर किया जाएगा, ये तीन प्रमुख मानक हैं – (i) संसाधन जुटाना, (ii) व्यय प्रदर्शन और (iii) राजकोषीय शासन। शहरों को निम्नलिखित चार जनसंख्या श्रेणियों में से किसी एक के अंतर्गत उनके स्कोर के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर स्‍थान दिया जाएगा: (i) 4 मिलियन से अधिक (ii) 1-4 मिलियन के बीच (iii) 100 हजार से 1 मिलियन (iv) 100,000 से कम। प्रत्येक जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष तीन शहरों को राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ प्रत्येक राज्य/राज्य क्लस्टर के भीतर मान्‍यता और पुरस्‍कार दिया जाएगा।

ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से आवश्यक डेटा/दस्तावेज (लेखापरीक्षित खातों, वार्षिक बजट और स्व-रिपोर्ट किए गए प्रदर्शन मेट्रिक्स सहित) जमा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

सिटी फाइनेंस रैंकिंग यूएलबी को उनके वित्तीय प्रदर्शन में उन क्षेत्रों की पहचान करने में विश्‍लेषण और सहायता मदद करने का एक प्रयास है जहां वे अपने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे और सेवाएं देने में सक्षम होने के लिए और सुधार कर सकते हैं। रैंकिंग शहर/राज्य के अधिकारियों के लिए नगरपालिका वित्त सुधारों को लागू करना जारी रखने के लिए एक निरंतर प्रेरणा के रूप में काम करेगी। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर, रैंकिंग नगर पालिकाओं द्वारा प्राप्त परिणामों को उजागर करेगी तथा शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में प्रमुख नीति निर्माताओं को महत्वपूर्ण दृष्टि प्रदान करेगी। यूएलबी राजकोषीय रैंकिंग में भाग लेने से बहुत लाभान्वित हो सकते हैं क्योंकि वे अन्य शहरों की तुलना में अपने प्रदर्शन का आत्‍म-मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे, जो उन्हें भविष्य में आत्म-सुधार में मदद कर सकता है। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 4500+ शहरों/शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को सिटी फाइनेंस रैंकिंग 2022 में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

‘सिटी फाइनेंस रैंकिंग, 2022’ वित्तीय रूप से स्वस्थ, पारदर्शी और टिकाऊ शहरों को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत नगरपालिका वित्त इकोसिस्‍टम विकसित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाएगी।

सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन

‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ का उद्देश्य भारत में शहरों और वार्डों द्वारा सुंदर, नवाचारी और समावेशी सार्वजनिक स्थान बनाने के लिए किए गए परिवर्तनकारी प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पहचानना है।

शहरों के वार्डों और सार्वजनिक स्थानों को पांच व्यापक स्तंभों – (i) पहुंच (ii) सुविधाओं (iii) गतिविधियों (iv) सौंदर्यशास्त्र और (v) पारिस्थितिकी पर आंका जाएगा। सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन शहर स्तर पर सबसे सुंदर वार्डों और सुंदर सार्वजनिक स्थानों को सम्मानित करेगी। चयनित वार्डों को शहर और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, जबकि शहर स्तर पर, शहरों में सबसे सुंदर सार्वजनिक स्थानों जैसे वाटरफ्रंट, ग्रीन स्पेस, पर्यटक/विरासत स्‍थल और बाजार/वाणिज्यिक स्थानों को पहले राज्य में सम्‍मानित किया जाएगा और फिर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। आशा की जाती है कि वार्डों और शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शहरी स्थानीय निकायों को अपने बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और शहरी स्थानों को सुंदर, टिकाऊ और समावेशी भी बनाएगी।

वार्डों और शहरों की प्रविष्टियों का मूल्यांकन एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा, जिसमें शहरी नियोजन, डिजाइन, इंजीनियरिंग, संस्कृति विशेषज्ञ, पर्यावरणविद् तथा अन्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं।

प्रतिस्पर्धी वार्ड और शहर सिटी ब्यूटी पोर्टल पर अपनी प्रविष्टियां जमा करेंगे, जिसे मंत्रालय के नॉलेज पार्टनर्स – एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया द्वारा डिजाइन किया जाएगा। उन्‍हें यह प्रमाणित करने की आवश्यकता होगी कि उनका वार्ड/सार्वजनिक स्थान संकेतकों के एक सेट के साथ आवश्यकता को पूरा करता है। प्रविष्टियों का निर्णय निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा। निर्णायक मंडल की सुविधा के लिए, तीसरे पक्ष का स्वतंत्र मूल्यांकन भी किया जाएगा। जीतने वाली प्रविष्टियों पर निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम होगा।

‘सिटी ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ में भागीदारी स्वैच्छिक है। यद्यपि, सभी वार्डों और शहरों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, क्योंकि इससे उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा होगी और साथ ही सामुदायिक स्वामित्व और गर्व की भावना भी पैदा होगी। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की यह पहल वार्डों और शहरों को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए कार्य रूप से सुंदर सार्वजनिक स्थान बनाने की दिशा में अपनी पहल और हस्तक्षेप दिखाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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