पटना/दिल्ली 04 नवम्बर 2024

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आपराधिक घटनाओं से जुड़े उनके ताजा ट्वीट पर उन्हें नसीहत दी है कि कुछ भी अनाप सनाप बोलने के पहले एनसीआरबी के 2024 की रिपोर्ट का अध्ययन कर लेना चाहिए जिसमें उच्च अपराध दर के प्रथम दस राज्यों की सूची में बिहार शामिल नहीं है। स्पष्ट है कि आबादी की दृष्टि से दूसरे बड़े राज्य बिहार में उक्त सूची के राज्यों से बिहार के कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है।

श्री प्रसाद ने कहा कि राज्य में पुलिस बल में पर्याप्त नियुक्तियों, आधारभूत संरचना का विस्तार, अनुसंधान की बेहतर गुणवत्ता, आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग एवं स्वयं राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नियमित माॅनिटरिंग से यह संभव हो रहा है। श्री प्रसाद ने कहा कि क्राइम रेट आपराधिक घटनाओं के निर्धारण के लिए एनसीआरबी का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के बदले हुए सुर की वजह सीधे तौर पर बार बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भविष्य में कभी भी राजद के साथ नहीं जाने की घोषणा से उपजी हताशा है। क्योंकि राजद लगातार कमजोर हो रहा है। लोकसभा चुनाव में फिसड्डी प्रदर्शन की वजह से 2025 विधान सभा चुनाव में पूर्ण सफाये का उन्हें अहसास हो गया है।

श्री प्रसाद ने कहा कि राज्य में क़ानून का शासन बड़े औद्योगिक समूहों को निवेश के लिए प्रेरित कर रहा है। लगातार कारखाने लग रहे हैं। बेरोज़गारों को रोज़गार मिल रहा है। इससे लालटेनी संस्कृति के पोषक तत्वों की नींद उड़ रही है । इसीलिए लगातार बिहार की छवि मलिन करने की चेष्टा में श्री तेजस्वी संलग्न हैं।

उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के शासन को पटना उच्च न्यायालय ने जंगलराज की संज्ञा दी हो, जिस काले दौर के साथ लोमहर्षक सामूहिक नरसंहारों एवं फिरौती के लिए अपहरण के कुख्यात किस्से जुड़े हों, उन्हें ऐसे बयानों के पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।

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