पटना, 08 नवम्बर 2024
छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया| अब आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण करेंगे| जिसके बाद छठ महापर्व का समापन हो जाएगा|छठ पूजा के तीसरे दिन आज संध्या अर्घ्य देने के साथ ही तीसरे दिन की पूजा का समापन हो गया है|
मान्यताओं के अनुसार, छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है| इस पूजा में मुख्य रूप से संतान सुख और परिवार के कल्याण के लिए सूर्य देव से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा की जाती है| शाम अर्घ्य देने के बाद शाम में व्रती महिलाएं व्रत कथा का पाठ भी करती हैं| कहा जाता है कि संध्या अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं को इस व्रत कथा का पाठ करना बेहद जरूरी माना जाता है| छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है| छठ का पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है| चौथे दिन सूर्य देव को सुबह का अर्घ्य देने के साथ ही इस व्रत का समापन हो जाता है|
साल में दो बार छठ पूजा किया जाता है |पहली बार चैत्र महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में छठ पर्व मनाया जाता है |हालाँकि कार्तिक महीने में मनाया जाने वाला छठ अत्यधिक लोकप्रिय है |इस अवसर पर ज्यादातर घरों में छठ पूजा किया जाता है |सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारन इसे छठ कहा जाता है |इस वर्ष भी पटना सहित समस्त बिहार और देश भर में धूम धाम से छठ मनाया जा रहा है |आज छठ महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचल भगवन भाष्कर को अर्ध्य दिया गया |छठ व्रतियों ने जहाँ अपनी सुविधानुसार गंगा नदी सहित विभिन्न नदियों ,तालाबों और पोखरों में जाकर भगवन सूर्यदेव और छथि मैया को अर्ध्य दिया |वहीं काफी संख्या में लोगों ने अपने घरों की छत पर छोटा तालाब बनाकर अर्ध्य दिया | इस अवसर पर लगभग सभी घाटों पर भव्य सजावट की गई |प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए |साथ ही यातायात को सुगम बनाने में भी प्रशासन पूरी तरह से मुश्तैद रहा |इस पर्व को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह रहता है |आज पहली अर्ध्य के बाद कल प्रातः उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देकर छठ महापर्व के व्रत का समापन किया जायेगा |इसे पारण कहा जाता है |
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है| यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है| छठ पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि बनी रहती है और स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है| इसके साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाती है और सुख की प्राप्ति होती है| चार दिन के पर्व छठ पूजा का समापन उषा अर्घ्य के साथ होता है| इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है| इस दिन व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं| इसके बाद व्रती सूर्य देव और छठ माता से संतान के सुखी जीवन और परिवार की सुख-शांति और सभी कष्टों को दूर करने की कामना करते है|