पटना 18 दिसंबर 2025

बिहार के स्वास्थ्य व विधि मंत्री एवं पश्चिम बंगाल भाजपा प्रभारी मंगल पांडेय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी होने के बाद ये बात स्पष्ट हो गया है कि सीएम ममता बनर्जी ने घुसपैठियों को शरण दिया था। इस ड्राफ्ट में 58 लाख से ज्यादा लोगों के नाम काट दिए गए हैं। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि 1 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वोटर्स को संदिग्ध कैटगरी में रखा गया है। राज्य में कुल वोटरों की संख्या करीब 7 करोड़ 66 लाख है। दावा किया जा रहा है कि इन संदिग्ध वोटर्स में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल हो सकते हैं। चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी कि एसआईआर के दौरान भरे गए एन्यूमेरेशन फॉर्म्स की जांच से कई गड़बड़ियां पकड़ी हैं।

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श्री पांडेय ने कहा कि बंगाल में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को संदिग्ध कैटगरी में इसलिए रखा गया है, क्योंकि एन्यूमेरेशन फॉर्म में दी गई जानकारी संदेह पैदा करने वाली है। चुनाव आयोग को करीब 12 लाख ऐसे फॉर्म मिले, जिनमें पिता और बच्चे की उम्र का अंतर 15 साल से कम है। इस प्रकार 8 लाख 77 हजार से ज्यादा फॉर्म में पेरेंट्स और बच्चों की उम्र का अंतर 50 साल से ज्यादा है। करीब 85 लाख फॉर्म में पिता का नाम या तो दर्ज नहीं है या रिकॉर्ड से मैच नहीं हो रहा।

श्री पांडेय ने कहा कि बंगाल में 1 करोड़ 90 लाख संदिग्ध वोटर्स को नोटिस भेजा गया है और उन्हें सफाई का मौका दिया जाएगा, लेकिन ग्राउंड पर जांच से हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई है। यह साफ हो चुका है कि बंगाल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन 58 लाख नाम कटने और 1 करोड़ 90 लाख संदिग्ध पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी परेशान है। ममता दीदी की सरकार राज्य में फर्जी वोटरों के सहारे सत्ता में हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान सरकार के इशारे पर जमकर हिंसा चुनाव प्रभावित करने के लिए होती है। मगर अब ममता दीदी की सरकार जाएगी और राज्य में भाजपा प्रचंड जीत हासिल करेगी

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