पटना 02 जून 2023

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज यूजीसी (समवत विश्वविद्यालय संस्थान) विनियम, 2023 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर जगदेश कुमार तथा संजय मूर्ति, सचिव (उच्च शिक्षा), शिक्षा मंत्रालय की उपस्थिति में जारी किया।

श्री प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि यूजीसी (समवत विश्वविद्यालय संस्थान) 2023 से गुणवत्ता केंद्रित डीम्ड विश्वविद्यालयों के निर्माण में मदद मिलेगी। नए सरलीकृत दिशानिर्देश विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता तथा उत्कृष्टता पर फोकस करने, अनुसंधान ईकोसिस्टम को मजबूत बनाने तथा हमारे उच्च शिक्षा परिदृश्य को बदलने में दीर्घकालीक प्रभाव डालने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मंत्री महोदय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ समय पर किए गए इस सुधार के लिए यूजीसी की सराहना की।

यूजीसी अधिनियम 1956 में प्रावधान है कि केंद्र सरकार विश्वविद्यालय के अलावा किसी भी संस्थान को समवत विश्‍वविद्यालय संस्‍थान का दर्जा प्रदान करने की घोषणा कर सकतीहै,जिसमें उसे धारा 2 (च) के अर्थ में एक विश्वविद्यालय माना गया हो। ऐसा संस्‍थान घोषणा किए जाने पर समवत विश्वविद्यालय माना जाएगा। (सामान्य) और नवोन्मेषी (डी-नोवो) दर्जा़ दिए जाने की घोषणा की प्रक्रिया, ऑफ-कैंपस केंद्र की स्थापना, दर्जा प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पात्रता, इसका अभिशासन, आदि यूजीसी विनियमों द्वारा विनियमित हैं। विनियमों का पहला सेट वर्ष 2010 में अधिसूचित किया गया था, जिसे वर्ष 2016 और 2019 में संशोधित किया गया था।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा के साथ और विनियमों को सरल बनाने के लिए यूजीसी ने विनियमों की समीक्षा और संशोधन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।

प्रारूप विनियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में अनेक चरणों से गुजरना पड़ा। शिक्षा मंत्रालय को सहमति के लिए अंतिम प्रारूप विनियम भेजने से पहले विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन, सार्वजनिक प्रतिक्रिया और आयोग के सुझावों पर विचार किया जाता है।

यूजीसी (समवत विश्वविद्यालय संस्थान) विनियम 2019 का अधिक्रमण करते हुए, नए विनियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पित ‘सरल किंतु सख्त’ (‘लाइट बट टाइट’) नियामक ढांचे के सिद्धांत पर बनाए गए हैं। विनियमों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैः-

  • विनियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप हैं। समवत विश्वविद्यालयों के उद्देश्यों में, अन्य बातों के अलावा, ज्ञान की विभिन्न शाखाओं में मुख्य रूप से अवर स्नातक, स्नातकोत्तर और अनुसंधान डिग्री स्तरों पर उत्कृष्टता के लिए उच्च शिक्षा प्रदान करना,जो पूरी तरह से एक विश्वविद्यालय की अवधारणा के अनुरूप हो, अनुसंधान ईको-सिस्टम को सुदृढ़ बनाना और सामाजिक रूप से उत्तरदायी शिक्षण, अधिगम, अनुसंधान और फील्डवर्क के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के लिए योगदान शामिल है।

· समवत विश्वविद्यालय दर्जा हेतु आवेदन करने के लिए पात्रता मानदंड एनएएसी ‘ए’ ग्रेड है जिसमें तीन लगातार चक्रों के लिए कम से कम 3.01 सीजीपीए या लगातार तीन चक्रों के लिए पात्र कार्यक्रमों के दो तिहाई के लिए एनबीए मान्यता या पिछले तीन वर्षों से एनआईआरएफ की किसी विशिष्ट श्रेणी के शीर्ष 50 में या पिछले तीन वर्षों से लगातार एनआईआरएफ रैंकिंग के शीर्ष 100 में हो।

  • एक से अधिक प्रायोजक निकाय द्वारा प्रबंधित संस्थानों का एक क्लस्टर भी समवत विश्वविद्यालय दर्जे के लिए आवेदन कर सकता है।
  • प्रायोजक निकाय जोअपने संस्थानों को समवत विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के इच्छुक हैं, वे ‘ऑनलाइन’ आवेदन कर सकते हैं।विशेषज्ञ समिति वर्चुअल मोड में सुविधाओं का आकलन करती है, हितधारकों के साथ बातचीत करती है और दस्तावेजों की जांच करती है।

· समवत विश्वविद्यालय संस्थान अपने मौजूदा परिसर और स्वीकृत ऑफ-कैंपस केंद्रों में, किसी भी क्षेत्र में नए पाठ्यक्रम या कार्यक्रम की शुरूआत, इसकी कार्यकारी परिषद की पूर्व स्वीकृति के साथ और जहां भी लागू हो, संबंधित सांविधिक परिषद की मंजूरी के साथ कर सकते हैं।

· एक मौजूदा संस्था या संस्थान जो शुरू से ही विशिष्ट विषयों में शिक्षण और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करता है और/या देश की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करता है या भारतीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण या पर्यावरण के संरक्षण में लगाहुआ है या कौशल विकास के लिए समर्पित है या खेल या भाषाओं या किसी अन्य विषय (विषयों) के लिए समर्पित हैतो वह संस्थान आयोग की विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारितविशिष्ट संस्थान‘ श्रेणी के तहत माना जाएगा।ऐसे संस्थानों को पात्रता मानदंड में छूट दी जाएगी।

  • संबंधित वर्ष की एनआईआरएफ रैंकिंग की “विश्वविद्यालय” श्रेणी में न्यूनतम ‘ए’ ग्रेड और उससे ऊपर या 1 से 100 तक रैंक प्राप्त करने वाले समवत विश्वविद्यालय संस्थान ऑफ-कैंपस केंद्र स्थापित करने के लिए पात्र हैं। एक “विशिष्ट श्रेणी” के तहत समवत विश्वविद्यालय के रूप में घोषित संस्थान,यदि वे ‘ए’ ग्रेड मान्यता प्राप्त हैं या एनआईआरएफ की “विश्वविद्यालय” श्रेणी में शीर्ष 100 में शामिल हैं, अपनी घोषणा के पांच साल बाद ऑफ-कैंपस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • विनियम गुणवत्ता-केंद्रित हैं। एनएएसी‘ए’ ग्रेड से कम ग्रेड वाले या वर्तमान एनआईआरएफ रैंकिंग (विश्वविद्यालय श्रेणी) में 100 से अधिक रैंक वाले समवत विश्वविद्यालयों की यूजीसी विशेषज्ञ समिति द्वारा अकादमिक मापदंडों पर निगरानी की जाएगी। यूजीसी समिति द्वारा बताई गई कमियों को दूर करने में विफल रहने परयूजीसी, समवत विश्वविद्यालय संस्थान द्वारा उनके मौजूदा परिसर और अनुमोदित ऑफ-कैंपस केंद्र में,किसी भी क्षेत्र में,नए पाठ्यक्रम या नए कार्यक्रम शुरू करने के लिए दी गई अनुमति को वापस लेने की अनुशंसा कर सकता है।

· समवत विश्वविद्यालय संस्थान संबंधित सांविधिक निकायों द्वारा जारी शुल्क संरचना, सीटों की संख्या आदि के संबंध में नियमों और विनियमों का पालन करेंगे और यदि कोई समवत विश्वविद्यालय संस्थान विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है जो विभिन्न सांविधिक निकायों, नामत: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद, आदि के नियामक दायरे में आते हैंतो शुल्क संरचना, सीटों की संख्या आदि के संबंध में संबंधित सांविधिक निकाय द्वारा जारी नियम और विनियम लागू होंगे।

· समवत विश्वविद्यालय संस्थान शुल्क में रियायत या छात्रवृत्ति प्रदान कर सकता है या समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों से संबंधित मेधावी छात्रों को सीटें आवंटित कर सकता है।

· समवत विश्वविद्यालय संस्थान अपने छात्रों की अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) पहचान का निर्माण अनिवार्य रूप से करेंगे और उनके क्रेडिट स्कोर को डिजिटल लॉकर में अपलोड करेंगे एवं यह सुनिश्चित करेंगे कि क्रेडिट स्कोर एबीसी पोर्टल में प्रदर्शित हों और समर्थ ई-गवर्नेंस को अंगीकृत करें। इसके अतिरिक्त, संस्थान संबंधित विनियमों में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार युगलडिग्री कार्यक्रम, संयुक्त डिग्री कार्यक्रम और दोहरी डिग्री कार्यक्रम की पेशकश कर सकते हैं।

  • समवत विश्वविद्यालय के कामकाज में पारदर्शिता छात्रों और संस्थानों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने में मदद करती है। नियामक प्रावधान संस्थानों को अधिक पारदर्शी बनाने में समर्थकारी बनाते हैं। समवत विश्वविद्यालय संस्थान प्रवेश शुरू होने से कम से कम साठ दिन पहले शुल्क संरचना, शुल्क वापसी नीति, कार्यक्रम में सीटों की संख्या, पात्रता योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया आदि सहित विवरणिका अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करवाएंगे। प्रत्येक समवत विश्वविद्यालय संस्थान उम्मीदवारों के चयन की पूरी प्रक्रिया संबंधी अभिलेखों का रख-रखाव करेगा एवं उक्त अभिलेखों को अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करेगा तथा उपर्युक्त अभिलेखों को न्यूनतम पांच वर्ष की अवधि के लिए सुरक्षित रखेगा।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You missed