पटना, 29 अक्टूबर 2022

लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन खरना पूरे राज्य में धूम धाम से मनाया गया। शनिवार को व्रतियों ने कही खीर खा कर तो कही अरवा चावल और चने के दाल का भी प्रसाद के रूप में खाकर खरना मनाया।

छठ महा पर्व में इस दिन का काफी महत्वा है। लोग बड़े ही उत्साह से छठ व्रतियों के घर खरना का प्रसाद खाने जाते है और छठ व्रतियों का आशीर्वाद लेते हैं।रविवार 30 अक्तूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा।जिसके लिए घाटों की साफ़ सफाई पहले ही की जा चुकी हैं। घाटों तक पहुँचाने वाले सभी मार्ग राण बिरंगी रौशनी से सज चुकी हैं। रविवार को छठ व्रती अस्ताचल भगवन सूर्य को संध्या में पहला अर्ध्य देंगे और ३१ अक्टूबर सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य के साथ चार दिनों के पर्व का समापन होगा। सोमवार को बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक छठ पूजा के लिए कोसी, पीतल या बांस का सूप, दउरा, साड़ी, गन्ना, नारियल, फल सहित अर्चना के लिए खरीददारी करने वालों की भीड़ लगी रही। चार दिनों तक मनाए जाने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ अन्य पर्वो से काफी अलग है ,इस पर्व में पवित्रता का काफी ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि महाभारत काल में माता कुंती ने भगवन भास्कर अर्थात सूर्य देव की आराधना की थी। साथ ही छठ महापर्व से जुडी अन्य कई कहानियां प्रचलित है।वैसे तो छठ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं झारखण्ड का मूल त्यौहार है परन्तु वर्त्तमान में पूरे देश में छठ महापर्व मनाया जाने लगा है।

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