नई दिल्ली,04 दिसंबर 2022

रविवार को ‘राष्ट्र की प्रथम रक्षापंक्ति’ के रूप में विख्यात सीमा सुरक्षा बल के 58वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर (पंजाब) में भव्य परेड समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर विश्व के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल ‘सीमा सुरक्षा बल’ जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ 6386.36 किमी की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात है, के सीमा प्रहरियों ने अपने आदर्श वाक्य ‘जीवन पर्यन्त कर्त्तव्य’ को आत्मसात कर राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया ।

पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में पहली बार जोश और उल्लास के साथ समृद्ध पारंपरिक माहौल में बीएसएफ स्थापना दिवस परेड का आयोजन किया गया। माननीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मुख्य अतिथि के रूप में भव्य परेड की सलामी ली। मुख्य अतिथि महोदय के साथ गुरजीत सिंह औजला, सांसद, अमृतसर और डॉ जसबीर सिंह संधू, विधायक (पश्चिम) अमृतसर भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस अवसर पर भारतीय सेना, प्रशासन, राज्य पुलिस सहित जीएनडीयू अमृतसर के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि मौजूद रहे।

परेड के दौरान विभिन्न सीमाओं से आए बल के अनेक दलों ने बल की वीरगाथाओं और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए मार्चपास्ट किया। परेड में 12 पैदल दस्ते, जिसमें महिला प्रहरी टुकड़ी, सुशोभित अधिकारियों और सीमा प्रहरियों, प्रसिद्ध ऊंट टुकड़ी, ऊंट बैंड, घुड़सवार प्रहरी, डॉग स्क्वायड और संचार दल शामिल रहे, जिन्होने बल द्वारा किए गए तकनीकी विकास को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया। परेड में बल के विभिन्न उपक्रमों TSU, CENWOSTO, ICT, Air Wing and BIAAT की झांकी प्रदर्शित की गई। बीएसएफ के इतिहास में पहली बार परेड के दौरान महिला ऊंट सवारों ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराई।

ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बल के बलिदानी वीरों को शहीद स्मारक पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देने के पश्चात माननीय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय परेड स्थल गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी स्टेडियम (अमृतसर) पहुंचे। इस अवसर पर बल महानिदेशक पंकज कुमार सिंह, आईपीएस ने राष्ट्र की सेवा में सर्वाेच्च बलिदान देने वाले सभी वीरों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दिन बल महानिदेशक महोदय ने अपने संबोधन में बल के ऐतिहासिक पहलुओं पर बात करते हुए बल की स्वर्णिम यात्रा का वर्णन किया, जो सिर्फ 25 बटालियनों के साथ आगे बढ़ते हुए आज 193 बटालियनों और 2.65 लाख से अधिक बहादुर प्रहरियों के साथ दुनिया के सबसे बड़े सीमा सुरक्षा बल के रूप में विकसित हो चुका है। साथ ही कहा कि आज विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों, इलाकों, तापमान और अन्य चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में बल के पुरूष व महिला प्रहरी एक साथ तैनात रहकर अपनी सीमावर्ती जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैसे इस बल ने अपने विभिन्न दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करते हुए एक बहुआयामी बल के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। डीजी बीएसएफ ने संचालन, खेल, साहसिक मुहिमों, कल्याण, पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बल की विभिन्न संरचनाओं और संस्थानों की उपलब्धियों पर जोर दिया।

मुख्य अतिथि माननीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, समारोह में आए विशिष्ट अतिथियों, सीमा प्रहरियों व उनके परिवारों का स्वागत करते हुए, महानिदेशक महोदय ने सीमा सुरक्षा बल द्वारा पाकिस्तान से पश्चिमी सीमा के विभिन्न हिस्सों में ड्रोन घुसपैठ के मौजूदा खतरे को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का विशेष उल्लेख करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी गतिविधियों को रोकने के लिए की गई पहलों के बारे में जानकारी दी। अपने संबोधन के दौरान, महानिदेशक महोदय ने आश्वासन दिया कि सीमा सुरक्षा बल का हर प्रहरी देश की सीमाओं की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने जीवन की परवाह किए बगैर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ सीमाओं की रक्षा करेगा। महोदय ने इस अवसर पर बल की उपलब्धियों, नई पहलों और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारियों का भी जिक्र किया।

समारोह में माननीय मुख्य अतिथि महोदय ने बल के बहादुर सीमा प्रहरियों के परिजनों को ‘वीरता के लिए पुलिस पदक’ व बल के ‘विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक’ से बल के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को सम्मानित किया। 66 बटालियन को उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित ‘जनरल चौधरी ट्रॉफी’ से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त 48 बटालियन को महानिदेशक का बैनर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए 76 बटालियन को महानिदेशक का बैनर, प्रहरी कल्याण के लिए ‘वेलफेयर ट्रॉफी’ 135 बटालियन को और सर्वश्रेष्ठ फील्ड ‘जी’ टीम के लिए ‘एफजीटी’ कोलकाता को महानिदेशक ट्रॉफी प्रदान की गई। सर्वश्रेष्ठ सीमा प्रबंधन के लिए ‘महाराणा प्रताप ट्रॉफी’ फ्रंटियर बीएसएफ जम्मू को प्रदान की गई, जबकि खेल और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए ‘अश्विनी ट्रॉफी’ फ्रंटियर बीएसएफ गुजरात को प्रदान की गई। इस अवसर पर माननीय मुख्य अतिथि ने बल की वार्षिक पत्रिका ‘बॉर्डरमैन’ का भी विमोचन किया।

समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित माननीय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपने संबोधन में परेड के शानदार प्रदर्शन और सीमा सुरक्षा बल के द्वारा पवित्र शहर अमृतसर (पंजाब) में स्थापना दिवस परेड कार्यक्रम आयोजित करने के निर्णय की सराहना की। इन्होने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले बीएसएफ के बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, 1971 के युद्ध जैसी विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं में बल की उन भूमिकाओं को याद किया, जब बल कार्मिकों ने गठन की प्रारंभिक अवस्था में होने के बावजूद संख्यात्मक रूप से अधिक बलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी।

माननीय मुख्य अतिथि ने भारत की पहली रक्षा पंक्ति के रूप में बीएसएफ की भूमिका की सराहना करते हुए भारत सरकार द्वारा बलों में लागू किए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्मियों के योगदान और बलिदान की बात की। उन्होंने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि भारत सरकार परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए सर्वोत्तम तकनीकी उपकरणों और बुनियादी ढांचा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

समारोह में एनटीसीडी बीएसएफ में प्रशिक्षित कुत्तों द्वारा एक रोमांचक डॉग शो, कैमल माउंटेड प्रहरी द्वारा युद्ध अभ्यास, सीमा भवानी ऑल-वुमेन डेयरडेविल मोटरसाइकिल टीम और जांबाज डेयरडेविल मेन्स मोटरसाइकिल टीम द्वारा किए गए हैरतंगेज डेयरडेविल मोटरसाइकिल शो ने दर्शकों से जमकर तालियां बटोरी। परेड के दौरान फ्लोटिंग बीओपी को दर्शाने वाली वाटर विंग, साहसिक प्रशिक्षण गतिविधियों को दर्शाती BIAAT और एमआई-17 वी-5 बेड़े को दर्शाती एयर विंग की झांकी भी प्रदर्शित की गई।

3 दिसंबर 2022 को, माननीय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जेसीपी अटारी का दौरा किया, जहां उन्हे सुप्रसिद्ध रिट्रीट परेड देखने के पूर्व गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात महोदय के सेक्टर अमृतसर के अंतर्गत सीमा चौकी ‘पुलमोरन’ पहुंचने पर उन्हे बटालियन कमांडर द्वारा मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों और परिचालन पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई। माननीय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बाद में सैनिक सम्मेलन के दौरान बीओपी पुलमोरन में प्रहरियों को संबोधित किया और बीओपी में ही रात्रि विश्राम किया।

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