पटना 23 जुलाई 2024

केंद्रीय बजट में बिहार के लोगों के साथ केंद्र की मोदी सरकार ने छलावा किया है और बिना किसी उचित फंड निर्धारण के केवल हवाई घोषणाओं को जगह दी है। ये बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि केवल महंगे टोल टैक्स वाली सड़कों का निर्माण करने की अनुमति दिलवाकर कॉरपोरेट को फायदा देने वाले प्रधानमंत्री को जनता के हितों का ध्यान में रखते हुए स्लीपर बोगियों को और ट्रेन को बढ़ाने की उपलब्धता करनी चाहिए।बिहार के युवाओं को रोजगार देने लायक भी बजट नहीं मिल सकता है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी वादे से आप पहले ही मुकर गए हैं और अब बिहार के औद्योगिक विकास के मुद्दों पर आप चुनावी घोषणाओं के तरह स्वयं के तारीफों के पुल बांध रहें हैं। वास्तव में केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार ने प्रदेश को सत्ता सुख के लिए गिरवी रखने का काम किया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्रीय बजट में बिहार के हिस्से केवल वायदे आएं और उन्हीं प्रोजेक्ट्स को गिनाया गया जो पहले से घोषित थे। बिहार को इस बार ट्रेन कम मिली थी तो हमें उम्मीद हुई थी कि संभव हो पलायन रोकने के लिए ये सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी। लेकिन इस बार भी केवल भविष्य के सपनों को लच्छेदार भाषणों में तराश कर बेचने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वित्त मंत्री ने किया है। पर्यटन के क्षेत्र में श्रीराम की दीक्षा स्थली और मां जानकी मंदिर के विकास के लिए अलग से बजट निर्धारण नहीं करना और युवाओं के रोजगार के लिए कोई अतिरिक्त कार्यक्रम की शुरुआत नहीं होना भी कमी रह गई। इस बजट को खासा निराशाजनक बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र बिहार के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रहा है। एनडीए के सहयोगियों को भी खुश करने लायक एक दो फंड बजट में डालने में असक्षम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को दरकिनार किया है। बिहार के युवा रोजगार मांग रहें हैं, यहां के बंद पड़े कारखाने अपने उद्धार के इंतजार में हैं, किसान अपनी अधिग्रहित जमीनों के उचित मुआवजा मांग रहे हैं, महिलाएं खुद को राष्ट्रीय हिस्सेदारी मांग रही हैं, मजदूर पलायन रोकने की गुहार कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री केवल अपने वोटबैंक की राजनीति और मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कवायद में व्यस्त हैं। यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सच में बिहार के विकास को समर्पित होते तो समय रहते इस प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देकर विकास की गति को तेजी देते। बिहार के लिए पहले भी कई चुनावी सभाओं में सैंकड़ों करोड़ रुपए देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले बिहार के लिए चुनावी घोषणाओं को ही पूरा कर देते इस बजट में लेकिन उनकी मंशा बिहार को पलायन की फैक्ट्री बना कर रखने की है।

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