पटना 31 जुलाई 2024

डॉ० वाई०एल० दास ,निदेशक शोध, बिहार विद्यापीठ, प्रमोद कर्ण ,सी.ओ.ओ., ए.आई.सी. बी.भी. फाउन्डेशन,अवधेश के. नारायण ,सहायक मंत्री (प्रशासन), बिहार विद्यापीठ ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए वर्ष 2024-25 बिहार के आम बजट को बिहार को आषान्वित करने वाली बजट बताया है। अपने बयान में उन्होंने कहा है कि विकासात्मक दृष्टि से कई मायने में देश एवं अधिकांश प्रदेशों से पीछे होने के कारण बिहार की आशा भरी दृष्टि देश के उत्तम बजट पर टिकी होती है। बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी केन्द्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए बिहार के लिए विशेष पहल का अनुरोध भी करते रहे हैं। वर्त्तमान बजट से यह संकेत मिलता है कि इस बार बिहार के हितों का ध्यान रखकर राजनितिक और आर्थिक लक्ष्यों को साधने की चेष्टा की गई है। खासकर बिहार के लिए बजट को सब का साथ और सबका विकास का द्योतक बनाने के साथ-साथ इसे रोजगारोन्मुखी बनाने का प्रयास किया गया है। ऐसा करने के पीछे संभवतः हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में विपक्ष के द्वारा जो बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया और संभवतः उसका प्रतिकूल प्रभाव भी कुछ हद तक अवश्य ही परिलक्षित हुआ, उसे जनमानस से हटाने की प्रभावी चेष्टा की जाने की अनिवार्यता थी।

वस्तुतः बिहार के संदर्भ में तथ्य यह है कि देश के बेरोजगारी दर (6.9 प्रतिशत) की तुलना में यहाँ बेरोजगारी दर गाँवों में 9 प्रतिशत और शहरों में 16.9 प्रतिशत है। यद्यपि, हाल के वर्षों में बिहार में रोजगार सृजन के कतिपय प्रयास खासकर सरकारी (सेवा) क्षेत्रों में भी हुआ है। ग्रामीण बेरोजगारी में कमी आई है। किंतु बेरोजगारी एक विकराल मुद्दा आज भी है।
उपर्युक्त परिस्थिति में अनेक रोजगारोन्मुखी परियोजना के तहत देश के आम बजट की 48 लाख करोड़ रूपये की कुल राशि में से बिहार को 58.9 हजार करोड़ की राशि (13ः) आवंटित करना स्वागत योग्य और सराहनीय कदम है। पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया से राजगीर, वैशाली के रास्ते दरभंगा तक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाएगा। साथ ही भागलपुर के परिपैंती में नया बिजली संयत्र स्थापित किया जाएगा। बाढ़ नियंत्रण योजना के लिए 11,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त गया में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर (गलियारे) और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के निर्माण का भी प्रस्ताव है। साथ ही रेल बजट में भी बिहार को 10 हजार 33 करोड़ रुपये का आवंटन है। बिहार के इतिहास में संभवतः रेलवे की सबसे बड़ी परियोजना है। डीडीयू और झाझा तक तीसरी और चौथी लाइन बनेगी जिसका कुल व्यय 16 हजार करोड़ रुपये आकलित है।
यदि रोजगार प्रदायी योजना पर ध्यान केन्द्रित किया जाए तो आम बजट में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य यह भी रखा गया है कि एक करोड़ युवाओं को 5000 रुपये मासिक भत्ता देकर एक वर्ष की इंटर्नशिप की ट्रेनिंग दी जाएगी। कौशल विकास प्रशिक्षण उद्यमी योजना आदि को भी आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है। इसका लाभ भी बिहार के युवाओं को मिलेगा। निश्चय ही कोई भी निर्माण योजना, अवसंरचना विकास की योजना रोजगार का द्वार अवश्य खोलती है। खासकर स्वरोजगारियों/व्यवसायिं को आयोपार्जन और आर्थिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त करती है। अतएव, निर्विवाद रूप से यह कहना समीचीन होगा कि देश की यह बजट बिहार को आशान्वित करने वाली है। फिर भी बेरोजगारी की विभीषिका को देखते हुए और भी महात्वाकांक्षी योजना बिहार के लिए बनाने की आवश्यकता शेष है। यथा- उत्तर बिहार में चीनी मिलों, जूट मिलों की स्थापना, रुग्ण उद्योगों को पुनजीवित करना, ग्रामीण लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करना तथा सरकारी (सेवा, निर्माण) दोनों में शिक्षित बेरोजगारों को नियोजित करना।

इस आम बजट की एक हर्षदायक बात यह भी है कि इसमें लघु एवं मध्यम उद्योग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इससे भी रोजगार का रास्ता खुलेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, व्यवसाय, कृषि एवं अन्य क्षेत्रों के सम्यक विकास के लिए भी बिहार के लिए उदारतापूर्वक वित्तीय प्रावधान किया गया है जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हों, गरीबी मिटे और प्रदेश का सर्वांगीन विकास हो। इस प्रकार वर्त्तमान वर्ष का आम बजट बिहार के लिए आशा का किरण विखेरती है। किंतु, अपेक्षित है कि प्रावधान के अनुसार वित्तीय सहायता ससमय उपलब्ध हो और प्रस्तावित योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो तथा उसका निष्पक्ष मूल्यांकन कर प्रभावपूर्णता भी परखी जाए जो दशा को इंगित करते हुए आगे की दिशा दर्शाए।

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