पटना 13 अगस्त 2024
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार के साथ – साथ जानलेवा रोगों के उन्मूलन की दिशा में भी सतत प्रयत्नशील है। बिहार ने वर्ष 2022 में ही कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल कर इसे चरितार्थ भी किया है। कालाजार उन्मूलन की स्थिति को बरक़रार रखने के लिए प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के फॉलो-अप की अहम भूमिका होती है। इस दिशा में राज्य के सारण जिले में प्रभावी तरीके से पांच सालों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों का फॉलो-अप किया गया है। इसे एक बेहतर मानक बनाते हुए प्रदेश में पांच सालों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के प्रभावी फॉलो-अप करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री पांडेय ने कहा कि कालाजार मरीजों के फॉलो-अप करने से संभावित पीकेडीएल (पोस्ट कालाजार डर्मल लीषमैनियासिस) मरीजों की पहचान आसान से हो जाएगी। साथ ही फॉलो-अप के उपरान्त चिन्हित पीकेडीएल मरीजों को ससमय गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवा प्रदान की जा सकेगी। इससे भविष्य में होने वाले रोग के प्रसार को रोका जा सकेगा।
श्री पांडेय ने कहा कि कालाजार मरीजों के निरंतर फॉलो-अप के लिए इस रोग के नियंत्रण से जुड़े पदाधिकारी अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान कालाजार मरीजों का फॉलोअप करेंगे। इसके लिए वे अपने साथ विगत पांच वर्षों के कालाजार मरीजों की लाइन-लिस्ट को अपने साथ रख कर उस क्षेत्र के प्रतिवेदित कालाजार मरीजों का फॉलो-अप करेंगे। फॉलो-अप के दौरान पीकेडीएल के संभावित मरीजों की पहचान होने पर उन्हें अविलम्ब जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया जाएगा।