पटना 26 अगस्त 2024
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि 1995 में लालू प्रसाद के पक्ष में बैलेट बॉक्स से निकलने वाला अतिपिछड़ों का ‘जिन्न’ उनकी प्रताड़ना से परेशान होकर 2005 के बाद पूरी तरह से एनडीए के पाले में आ गया। राजद-कांग्रेस के लोगों को 15 साल का मौका मिला तो अतिपिछड़ों को अपमानित व दलितों को नरसंहारों की भेंट चढ़ाने का काम किया। आज अतिपिछड़ों का भरोसा पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है।
श्री पाण्डेय ने पूछा है कि राजद बताएं कि अपने 15 वर्षों के राज में अतिपिछड़ों दलितों व महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण क्यों नहीं दिया? एक ओर तो राजद-कांग्रेस ने 23 वर्षों तक पंचायत का चुनाव नहीं कराया, जब कराया तो इन वर्गों को आरक्षण से वंचित कर दिया। जब 2005 में एनडीए की सरकार बनी तो पंचायत चुनाव में एकल पदों पर मुखिया, प्रमुख,जिला परिषद अध्यक्षों व वार्ड सदस्यों के लिए अतिपिछड़ों को 20 फीसदी, दलितों को 17 और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया जिसके परिणामस्वरूप आज इन वर्गों से हजारों जनप्रतिनिधि चुन कर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नौकरियों में जो आरक्षण की व्यवस्था है, वह कर्पूरी जी की उस सरकार की देन है जिसमें भाजपा भी शामिल थी। अति पिछड़ों की बेशुमार ताकत के बल पर ही लालू प्रसाद कभी जिन्न निकालने का दावा करते नहीं थकते थे, मगर चुनावी जीत के बाद उन्हें कभी उनके मान-सम्मान की सुध नहीं रही। राजद के दबंगों ने पूरे बिहार में अतिपिछड़ों के खिलाफ कोहराम मचाया और उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया।
श्री पाण्डेय ने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के राज में एक ओर जहां दलितों को गाजर-मूली की तरह काटा गया वहीं अति पिछड़ों को प्रताड़ित,अपमानित किया गया। उस दौर की प्रताड़ना और अपमान को स्वाभिमानी अति पिछड़ा समाज कभी नहीं भूलेगा। यह वहीं अतिपिछड़ा समाज है जिसे पंचफोरना कह कर गाली दी गई थी। राजद के काले दौर की यादें आज भी अतिपिछड़ा समाज में सिहरन पैदा करती है।