पटना 5 सितम्बर 2024
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पटना एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) परिसर में मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के लिए 248 बेड की सुविधा वाली एक धर्मशाला भवन का निर्माण होने जा रहा है। एम्स परिसर में धर्मशाला भवन के लिए जी प्लस 4 बिल्डिंग 2868.43 वर्गमीटर एरिया में निर्मित की जाएगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के परिसर में 248 बेड धर्मशाला भवन में (216 बेड डॉरमेट्री एवं 32 निजी कमरा) निर्मित होगी। धर्मशाला भवन में लिफ्ट, फर्नीचर, शौचालय एवं रूफ टॉप पावर जेनरेशन यानी छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली के लिए सौर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत 14.85 करोड़ रूपये होगी।
श्री पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह धर्मशाला भवन का निर्माण माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के मार्गदर्शन में हो रहा है और स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्री पाण्डेय ने बताया कि यह धर्मशाला भवन अपने तय समय में बनकर तैयार हो जाएगी और निर्माण के बाद धर्मशाला भवन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। जिसके द्वारा इसका संचालन और रख-रखाव किया जायेगा। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के परिजनों को रहने में कोई असुविधा न हो और उन्हें आसपास के क्षेत्रों में भटकना न पड़े।
श्री पांडेय ने कहा कि जब मरीज इलाज के लिए एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में आते हैं, तो उनके साथ आने वाले परिजनों को रहने में असुविधा न हो। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने पटना एम्स परिसर में धर्मशाला भवन बनाने का बड़ा निर्णय लिया है। इसके बनने पर मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत मिलेगी। इस धर्मशाला भवन के निर्माण से परिजनों को अस्पताल के पास सुरक्षित और सुविधाजनक ठहराव मिलेगा, जो न केवल उनके मानसिक तनाव को कम करेगा बल्कि मरीजों की देखभाल में भी सहायक सिद्ध होगा। बिहार सरकार की इस पहल से राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ेगा और यह कदम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सहूलियत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।