पटना 19 सितम्बर 2024

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में अपने संदेश में कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के आयोजन के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई है। उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए सभी प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई देशों की भागीदारी से वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 वैश्विक खाद्य उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रतिभाशाली लोगों के लिए एक जीवंत मंच के रूप में सामने आता है, ताकि वे बढ़ते अवसरों का अधिकतम लाभ उठा सकें, एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकें और अपने-अपने अनुभवों को साझा कर सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक जीवंत और विविध खाद्य संस्कृति है। किसान भारतीय खाद्य इकोसिस्टम की रीढ़ हैं। देश के किसानों ने ही उत्कृष्ट पौष्टिक और स्वादिष्ट परंपराओं का निर्माण सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि हम अभिनव नीतियों और केंद्रित कार्यान्वयन के साथ उनकी कड़ी मेहनत का समर्थन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि आधुनिक युग में प्रगतिशील कृषि प्रणालियों, मजबूत प्रशासनिक ढांचे और अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि भारत खाद्य क्षेत्र में नवाचार, स्थायित्व और सुरक्षा के लिए वैश्विक मानक स्थापित करे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान हमने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बदलने के लिए व्यापक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण में शत-प्रतिशत एफडीआई, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकरण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी बहुआयामी पहलों के माध्यम से हम पूरे देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और रोजगार सृजन का एक मजबूत इकोसिस्टम बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे उद्यमों को सशक्त बनाना हमारे विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम चाहते हैं कि हमारे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) फलें-फूलें और वैश्विक मूल्य श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनें और साथ ही महिलाओं को सूक्ष्म उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय में, वर्ल्ड फूड इंडिया हमारे लिए व्यापारियों के बीच बातचीत और प्रदर्शनियों, रिवर्स क्रेता-विक्रेता मीट तथा देश, राज्य एवं क्षेत्र-विशिष्ट आधारित सत्रों के माध्यम से दुनिया के साथ काम करने के लिए एक आदर्श मंच है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतना ही नहीं, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण – एफएसएसएआई द्वारा वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन का आयोजन डब्ल्यूएचओ, एफएओ और कई प्रतिष्ठित घरेलू संस्थानों सहित वैश्विक नियामकों को खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों जैसे मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि खाद्य सुरक्षा बढ़ाने और खाद्य अपव्यय को कम करने के लिए खाद्य विकिरण, पोषण और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए पौधे आधारित प्रोटीन, साथ ही सर्कुलर अर्थव्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आइए हम आगे बढ़ें और एक टिकाऊ, सुरक्षित, समावेशी और पौष्टिक दुनिया के निर्माण के सपने को साकार करें।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान की संयुक्त अध्यक्षता में आज एक उच्चस्तरीय सीईओ गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें निवेश को बढ़ावा देने और कारोबारी सुगमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया और इसमें 100 से अधिक सीएक्सओ ने भाग लिया।

इस गोलमेज सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण एवं रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, आंध्र प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री टीजी भारत और गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में मेगा फूड इवेंट ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2024’ का उद्घाटन किया। इस तीसरी बार आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदर्शनी क्षेत्रों का भी दौरा किया। यह कार्यक्रम 19 से 22 सितंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा।

वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने वैश्विक गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा खाद्य सुरक्षा, स्थायित्व और नवाचार प्राप्त करने में भारत की उल्लेखनीय यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने घरेलू और वैश्विक उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन सुनिश्चित करने तथा भूख से मुक्त एक दुनिया सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने आय बढ़ाने, प्रौद्योगिकी तक पहुंच में सुधार लाने तथा उनकी उपज के लिए उचित मूल्य प्रदान करने के उद्देश्य से पहलों के माध्यम से किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

चिराग पासवान ने बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया का तीसरा आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत की  यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह कार्यक्रम भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बदलाव को दर्शाता है,जो अंतरराष्ट्रीय  भागीदारों, उद्योग जगत  के दिग्गजों, नीति निर्माताओं और नवप्रवर्तकों को एक साथ लाता है। भारत की आर्थिक मजबूती औरप्रगति  पर प्रकाश डालते हुए  उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र निर्यात, रोजगार और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है। नवाचार, स्थायित्व और प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ, यह कार्यक्रम सक्षम नीतियों और पहलों द्वारा  समर्थित वैश्विक  खाद्य सुरक्षा  के भविष्य को आकार देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को चिन्हित करता है। श्री पासवान ने खाद्य उद्योग के भविष्य को  आकार देने  में वैश्विक सहयोग, नवाचार और निवेश के महत्व पर भी जोर दिया, जिससे आर्थिक विकास और पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए  भारत को वैश्विक बाजार में एक प्रमुख  हस्ती के रूप में स्थान मिलेगा।

श्री रवनीत सिंह ने अपने संबोधन में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत के वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरने पर प्रकाश डाला तथा नवाचार, स्थायित्व और साझा समृद्धि के प्रति देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार स्थायित्व पर ध्यान केंद्रित कर रही है, खाद्य अपशिष्ट को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने और पर्यावरण के अनुकूल कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के प्रयासों को आगे बढ़ा रही है।

इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएलआईएस और पीएमकेएसवाई योजनाओं के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा समर्थित 50 से अधिक इकाइयों का उद्घाटन, 25,000 पीएमएफएमई लाभार्थियों को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी का वितरण और 70,000 स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सीड कैपिटल की मंजूरी देना था।

कार्यक्रम के दौरान अपशिष्ट प्रबंधन, जल के कुशल उपयोग और नवीन खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के हिस्से के रूप में, चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मंत्रालय विजेताओं को निफ्टेम-कुंडली के माध्यम से वित्तीय और इनक्यूबेशन सहायता प्रदान करेगा।

यह आयोजन सरकारी संगठनों, उद्योग जगत के पेशेवरों, किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के लिए चर्चाओं में शामिल होने, साझेदारी स्थापित करने और कृषि-खाद्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए एक प्रमुख नेटवर्किंग और व्यापार मंच के रूप में काम करेगा।

भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के नवाचार और ताकत को प्रदर्शित करने के लिए स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न मंडप स्थापित किए गए हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा 20 से 21 सितंबर 2024 तक वर्ल्ड फूड इंडिया के साथ मिलकर एक वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन किया जा रहा है। शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें वैश्विक खाद्य नियामकों, विश्व स्वास्थ्य संगठन, खाद्य एवं कृषि संगठन, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिभागी शामिल होंगे।

इस कार्यक्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 40 से अधिक सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मशीनरी और प्रौद्योगिकी में गुणवत्ता आश्वासन और नवाचारों पर जोर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में दुनिया भर के 90 से अधिक देशों के प्रतिभागियों, रिवर्स बायर सेलर मीट के लिए 1000 खरीदारों और मध्य पर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के सीईओ की मेजबानी की जाएगी।

जापान ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के साथ भागीदार देश के रूप में सहयोग किया है, जबकि वियतनाम और ईरान इस कार्यक्रम के फोकस वाले देश हैं। घरेलू भागीदारी के संदर्भ में, लगभग 26 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश भाग ले रहे हैं। साथ ही 18 केंद्रीय मंत्रालय और संबद्ध सरकारी निकाय भी इसमें अपनी भागीदारी कर रहे हैं।

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