पटना 06 अक्टूबर 2014
नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में दस दिवसीय रामलीला में चौथे दिन सीता स्वंयवर की प्रस्तुति हुई। दशरथनंदन श्रीराम भ्राता लक्ष्मण संग जनकपुर पहुंचे थे। सीता स्वयंवर में संसार के एक से बढ़कर एक वीर योद्धा विराजमान थे। राजा जनक ने शिवधनुष पर प्रत्यंचा चढ़ानेवाले वीर से अपनी पुत्री सीता के विवाह की शर्त रखी थी। स्वयंवर में मौजूद सभी योद्धाओं ने बारी-बारी से प्रयास किया, लेकिन वे शिवधनुष को हिला भी न सके। राजा जनक को चिंता सताने लगी। वे इस सोच में पड़ गये कि क्या धरा वीरों से खाली हो गयी है। तभी महर्षि विश्वामित्र ने राम को आदेश दिया। श्रीराम शिवधनुष की ओर बढ़ने लगे। रानी सुनैना समेत राजमहल की स्त्रियाँ सुकोमल शरीर वाले श्रीराम के लिए प्रार्थना करने लगीं। जानकी सीता ने विघ्नहर्ता भगवान् गणेश का ध्यान लगाया। शिवधनुष के पास पहुंचकर श्रीराम ने अयोध्या में विराजमान गुरु वशिष्ठ को मन ही मन प्रणाम किया और शिवधनुष को एक बार में उठा लिया। प्रभु श्रीराम के प्रबल प्रताप से शिवधनुष भंग हो गया। राजमहल रघुकुलनंदन श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। सीता ने वरमाला श्रीराम के गले में डाल दी।
नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में दस दिवसीय रामलीला में चौथे दिन सीता स्वंयवर की प्रस्तुति हुई। दशरथनंदन श्रीराम भ्राता लक्ष्मण संग जनकपुर पहुंचे थे। सीता स्वयंवर में संसार के एक से बढ़कर एक वीर योद्धा विराजमान थे। राजा जनक ने शिवधनुष पर प्रत्यंचा चढ़ानेवाले वीर से अपनी पुत्री सीता के विवाह की शर्त रखी थी। स्वयंवर में मौजूद सभी योद्धाओं ने बारी-बारी से प्रयास किया, लेकिन वे शिवधनुष को हिला भी न सके। राजा जनक को चिंता सताने लगी। वे इस सोच में पड़ गये कि क्या धरा वीरों से खाली हो गयी है। तभी महर्षि विश्वामित्र ने राम को आदेश दिया। श्रीराम शिवधनुष की ओर बढ़ने लगे। रानी सुनैना समेत राजमहल की स्त्रियाँ सुकोमल शरीर वाले श्रीराम के लिए प्रार्थना करने लगीं। जानकी सीता ने विघ्नहर्ता भगवान् गणेश का ध्यान लगाया। शिवधनुष के पास पहुंचकर श्रीराम ने अयोध्या में विराजमान गुरु वशिष्ठ को मन ही मन प्रणाम किया और शिवधनुष को एक बार में उठा लिया। प्रभु श्रीराम के प्रबल प्रताप से शिवधनुष भंग हो गया। राजमहल रघुकुलनंदन श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। सीता ने वरमाला श्रीराम के गले में डाल दी।
मीडिया प्रभारी एम पी जैन ने बताया कि पटना के कदमकुआं स्थित नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट द्वारा रामलीला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। विगत कई वर्षों से दशहरा कमेटी परंपरागत रूप से नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में रामलीला और दशहरा के दिन ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम का आयोजन करती आ रही है।
निरंजन लाल व्यास के नेतृत्व में नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में इस वर्ष हो रही रामलीला के आयोजन के चौथे दिन भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ० सी० पी० ठाकुर जी,अध्यक्ष अरुण कुमार, चेयरमैन कमल नोपनी, संयोजक मुकेश कुमार नन्दन, सह संयोजक राकेश कुमार, महासचिव राकेशचंद्र मल्होत्रा,रामलीला संयोजक प्रिंस कुमार राजू, रामलीला सह संयोजक आशु गुप्ता, सुजय सौरव, राजेश बजाज, संजय वर्णवाल, आर्य नन्दन, धर्मराज केशरी, शम्भु बाबा,प्रेम कुमार , अमित शिवम् सहित सैकड़ों की संख्या रामभक्त उपस्थित रहे।