पटना 07 अक्टूबर 2014

नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में निरंजन लाल व्यास के नेतृत्व में 10 दिवसीय रामलीला का मंचन, पांचवें दिन रामलीला महोत्सव का उद्घाटन बिहार विधानसभा अध्यक्ष माननीय नन्दकिशोर यादव एवं दशहरा कमिटी के अध्यक्ष अरुण कुमार, संयोजक मुकेश नंदन, सह संयोजक राकेश कुमार, बी आई ए अध्यक्ष केपीएस केसरी, रामलाल खेतान एवं अन्य ने किया। इसके बाद आरती हुई। उद्घाटन के बाद मुख्य अतिथि नन्दकिशोर यादव ने कहा कि धार्मिक आयोजन में मैं कुछ नही बोलता हूँ। मैं समस्त कलाकारों और आयोजन समिति को रामलीला के सफल आयोजन के बधाई देता हूँ।

आज के रामलीला मंचन में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का जीवंत चित्रण किया गया। आज के कार्यक्रम में दिखाया गया कि मुनि परशुराम जी पर्वत पर तप कर रहे थे तभी उन्हें धनुष के टूटने की आवाज सुनाई दी, जिससे उनकी समाधी भांग हो गई। वे आक्रोशित हो गए और तुरंत वे जनकपुर आये। उनके आते ही राजाओं में भगदड़ मच गई। सभी राजाओं ने आकर उन्हें प्रणाम किया उसके पश्चात् महाराज विदेहराज से मिले। विदेहराज ने उन्हें बताया कि धनुष का खंडन हो गया है। यह जानकर परशुराम जी को बड़ा ही क्रोध आया। तभी राम जी वहां आये और उनसे कहा कि धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई सेवक ही होगा। लक्ष्मण से भी उनकी वार्ता हुई।

इसके पश्चात् परशुराम जी स्वयं अपना धनुष और फरशा वहां देकर मंदराचल पर्वत पर तप करने के लिए चले गए। इधर महाराज विदेहराज ने लगन पत्र अवधपुरी भेजी। वहां से अवध नरेश दशरथ जी बारात सजाकर लाये। तत्पश्चात चारों भाइयों का विवाह कराकर अपने साथ ले गए।

एम पी जैन ने बताया कि आज के आयोजन में रामलीला संयोजक प्रिंस कुमार राजू, रामलीला सह संयोजक श्री आशु गुप्ता, कोषाध्यक्ष पवन कुमार, सुजय सौरभ,सुषमा साहू, , सुशील बजाज, प्रो० नवल किशोर, मनीष कुमार, संजय राय, डॉ० अजय प्रकाश, , संजय वर्णवाल, आर्य नन्दन, धर्मराज केशरी, शम्भु बाबा, प्रेम कुमार , अमित शिवम्…सहित सैकडो की संख्या रामभक्त उपस्थित रहे।

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