पटना, 19 अक्टूबर 202

बुधवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के प्रेक्षागृह में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी । महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के कुलपति ने उपाधि प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को शपथ दिलाई।

इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा “आप सब के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।मैं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। आज मानद उपाधियों से सम्मानित किए गए विशिष्ट लोगों को भी मैं बधाई देती हूं। पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मैं विशेष सराहना करती हूं। मुझे बताया गया है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न शिक्षण कार्यक्रमों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या लगभग 60 प्रतिशत है। इस शानदार उपलब्धि के लिए मैं सभी छात्राओं को साधुवाद देती हूं। ऐसी होनहार छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन और बढ़ते हुए आत्म-विश्वास में मुझे भविष्य के विकसित भारत का स्वरूप दिखाई देता है।

समारोह में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, मधुबनी पेंटिंग एवं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी का लोगो भेंटकर उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति ने सबसे पहले दीक्षांत समारोह में प्रसिद्ध उद्योगपति, लेखक, समाजिक विचारक आर०के० सिन्हा एवं भारतीय अभिनेता फिल्म निर्देशक एवं पटकथा लेखक चंद्र प्रकाश द्विवेदी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के विभिन्न संकायों स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के पास आउट विद्यार्थियों को मेडल एवं प्रशस्तिपत्र भेंटकर कुलाधिपति स्वर्ण पदक की उपाधि से सम्मानित किया।

एकेडमिक शोभा यात्रा के साथ अतिथियों ने महात्मा गांधी प्रेक्षागृह, मोतिहारी में प्रवेश किया। समारोह में सशस्त्र सीमा बल के बैंड द्वारा राष्ट्रगान की धुन बजायी गयी। दीक्षांत समारोह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संबोधित करते हुये कहा कि बापू की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण में स्थापित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के प्रथम दीक्षांत समारोह में आकर मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है। मैं आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं। आज दो विशिष्ट व्यक्ति डॉक्टरेट के मानद उपाधि से सम्मानित हुए हैं। मैं उन्हें भी विशेष तौर पर बधाई देती हूं। इस विश्वविद्यालय से प्रथम स्थान प्राप्त करनेवालों में 60 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है। इस उपलब्धि के लिए मैं उन्हें साधुवाद देती हूं। मुझे विकसित भारत का स्वरुप यहां दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी छात्र-छात्राओं को समान शिक्षा का अवसर प्रदान करने की बात हमेशा कहा करते थे। गांधी जी के इस विचार को सदैव ध्यान में रखना चाहिए। उनके चंपारण सत्याग्रह में यहां के कई विभूतियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने अपनी आत्मकथा में गांधी जी के चंपारण प्रवास की चर्चा की है। गांधी जी ने समाजिक समानता, एकता का रास्ता अपनाने का लोगों से आह्वान किया था। यहां पर वाल्मिकी टाइगर रिजर्व है। यह धरती इतिहास एवं वन संपदा से समृद्ध है। यहां पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं। आप सभी भगवान बुद्ध और बापू की इस धरती पर शिक्षा हासिल कर शिक्षा का परचम लहरायाएं मैं पुनः अपनी शुभकामनाएं देती हूं।

समारोह को संबोधित करते हुये राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि इस दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने वाले लोगों को मैं बधाई देता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं। राष्ट्रपति जी का इस कार्यक्रम में शामिल होना सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री जी ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी को तीन दिन के अंदर जमीन उपलब्ध कराने की आज इस कार्यक्रम में घोषणा कर दी है। इस विश्वविद्यालय का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो। यह हम सबका दायित्व है। हम सबका बर्ताव और आचरण ही पहचान है। केवल मन में भाव रहने से नहीं होता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का यहां अनुपालन होना शुरु हुआ है। नीति के अनुपालन से युवा पीढ़ी का भविष्य बेहतर होगा। मेरा अनुरोध है कि आपसभी सरकारी योजनाओं को अपनाकर नौकरी देनेवाला बनें, जिसके लिए दृढ संकल्प लेने की जरुरत है।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि आज महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के प्रथम दीक्षांत समारोह में महामहिम राष्ट्रपति महोदया उपस्थित हैं। मैं सबसे पहले इस कार्यक्रम में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अभिनंदन करता हूं। बापू की कर्मभूमि चंपारण की इस धरती पर मैं उनका स्वागत करता हूं। मैं हृदय से आभारी हूं कि वे यहां प्रथम दीक्षांत समारोह में पधारी हैं। आज महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के उपाधि प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को तहे दिल से बधाई देता हूं। यह गौरव का क्षण है। कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। समाज कल्याण और राष्ट्र के निर्माण में आप सभी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में केंद्र सरकार ने कई राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसके बाद वर्ष 2009 में केंद्र द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया। केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। उस समय केंद्रीय मंत्री से मिलकर हमने कहा आपने बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया है। मैं इसके लिए आपको धन्यवाद देता हूं। राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनेगा । हमने प्रस्ताव दिया कि बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय बापू की कर्मभूमि चंपारण की धरती पर बनेगा। वे इससे इंकार कर दिए। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने उस समय हमें बुलाकर भोजन भी कराया लेकिन उन्होंने कहा कि चंपारण में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाना ठीक नहीं होगा। उन्होंने गया में बनाने की बात कही। उसके बाद हमने कहा कि गया का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान है। हम मदद करेंगे लेकिन तब हम आग्रह करेंगे कि बिहार में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लीजिए। वर्ष 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सबसे पहले यहीं आए थे और किसानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अभियान चलाया था। यहां के लोगों को पढने के लिए इंतजाम कराया। मैं राष्ट्रपति जी से आग्रह करूंगा कि आप अगली बार आइयेगा तो बापू ने यहां जो स्कूल खोलवाया है, उसे आपको वहां ले जाकर दिखायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमें बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने यहीं से अपना अभियान चलाया। बापू ने यहां के लोगों को जागरुक कर उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया था। अंग्रेजी हुकूमत द्वारा राष्ट्रपिता को झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की गई, जिसे कोर्ट ने गलत करार दिया। बापू के चंपारण सत्याग्रह के 30 साल बाद ही वर्ष 1947 में देश आजाद हो गया। बिहार में ही वर्ष 1917 में चंपारण सत्याग्रह हुआ, उसको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलनी चाहिए। मैं तो कहूंगा आपको वोट जिसको देना है दीजिए। हम जिनसे संबंध जोड़ते हैं, उसे आजीवन निभाते हैं और उनके प्रति हमेशा मन में सम्मान का भाव भी रखते हैं। यहां सामने जो लोग बैठे हुए हैं, ये 2005 से हमारे साथ रहे.हैं। हम सबकी इज्जत करते हैं और हम जब तक जीवित रहेंगे हमारे मन में आप सब के प्रति आदर का भाव रहेगा। हम आगे भी आप सबकी सेवा और सम्मान करते रहेंगे।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने की स्वीकृति प्रदान की गई। वर्ष 2016 में यहां काम शुरु हुआ। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इसका भवन बन जाए। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के लिए हमलोग 130 एकड़ भूमि उपलब्ध करा चुके हैं, इन्हें 300 एकड़ भूमि की और आवश्यकता है। जिसके लिए हमने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। उसके बाद भवन निर्माण का कार्य भी यथा शीघ्र शुरु कराएं। राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। इस विश्वविद्यालय का नामकरण हमने ही रिकमेंड किया था, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार किया। राज्य सरकार गया में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना में हर संभव मदद कर रही है। गया की धरती काफी पौराणिक एवं ऐतिहासिक है। मुख्य सचिव जनाब आमिर सुबहानी तीन दिन के अंदर यहां आकर भूमि की उपलब्धता के विषय में सब कुछ तय कर देंगे। हमारी इच्छा है विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य तेजी से हो। जमीन चिन्हित होने के बाद उसकी घेराबंदी तथा आवागमन का रास्ता का काम हमलोग तेजी से करा देंगे। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के कैंपस में विद्यार्थियों के साथ-साथ पढ़ानेवाले लोगों के आवासन की व्यवस्था भी रहेगी ताकि पढ़ाई में किसी प्रकार की समस्या नहीं आए। हम चाहते हैं कि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी सबसे अच्छा बन जाए। मुझे बेहद खुशी होगी। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। इस विश्वविद्यालय का अपना भवन जब बनकर तैयार हो जाएगा तो मुझे काफी प्रसन्नता होगी। मैं राष्ट्रपति महोदया से आग्रह करूंगा, आप आयीं हैं, ये बहुत खुशी की बात है। हम चाहेंगे कि आप बार-बार बिहार आते रहिए। अगली बार जब आप बिहार आयेंगी तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा कराए गए एक-एक चीज हम आपको दिखवा देंगे। मैं आप सभी को पुनः धन्यवाद देता हूं और आपका अभिनंदन करता हूं। दीक्षांत समारोह को सांसद राधामोहन सिंह एवं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के कुलाधिपति पद्मश्री डॉक्टर महेश शर्मा ने भी संबोधित किया। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण किया। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सह पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के प्रभारी मंत्री सुनील कुमार, सांसद गण, विधायक गण, पूर्व मंत्री गण, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक आर० एस० भट्टी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर एस० सिद्धार्थ, आयुक्त तिरहुत प्रमंडल गोपाल मीणा सहित विशिष्ट अतिथिगण, वरीय पदाधिकारी गण, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के प्रोफेसरगण, उपाधि प्राप्त करनेवाले विद्यार्थीगण एवं उनके अभिभावक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थी

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