पटना ,29 नवंबर 2023
बिहार राज्य मतस्यजीवी सहकारी संघ के तत्वावधान में बुधवार को कैफ़े गार्डेनिया आशियाना दीघा रोड ,पटना में ‘मछली खाओ इनाम जीतो ‘प्रत्योगिता का आयोजन किया गया। इस प्रत्योगिता में राज्य के विभिन्न जिले से आये प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतियोगियों का पंजीकरण किया गया था।प्रतियोगिता के विजेताओं को बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष हरी सहनी ने सम्मानित किया। प्रतियोगिता के प्रथम विजेता कुमार गौतम रहे जिन्हे 5100 रूपये पुरष्कार के तौर पर दिय्या गया। द्वितीय पुरष्कार अमित कुमार को मिला इन्हे 3100 रुपये तथा तृतीय पुरष्कार विजेता शैलेश कुमार को 1100 रुपये पुरष्कार राशि दी गयी। इस अवसर पर विजेताओं सहित अन्य प्रतियोगियों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
इस अवसर पर बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष हरी सहनी ने कहा कि वर्त्तमान में राज्य में 10 लाख मैट्रिक टन मछली की खपत है।जबकि बिहार में मछली का उत्पादन 8 लाख मैट्रिक होता है। शेष 2 लाख मैट्रिक टन मछली की पूर्ति आंध्र प्रदेश से मंगवा का की जाती है। जिसके लिए लगभग 4000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है।उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देती तो यह प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। ऐसा करने से राज्य से बहार जाने वाली बड़ी राशि की बचत होगी साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा की बिहार की मिटटी मछली पालन के लिए अनुकूल है।साथ ही मछली पालन के लिए उत्तर बिहार में विशाल जलक्षेत्र उपलब्ध है जिसका लाभ प्रदेश को मिलना चाहिए।
इस अवसर पर कोफ्फेड के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा की ‘मछली खाओ इनाम पाओ ‘प्रतियोगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को मछली खाने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 5464 किलोग्राम की खपत है जबकि राष्ट्रिय औसत 9 किलोग्राम है। आगे उन्होंने मछली उत्पादकों और मछुआरा समाज की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा किभले ही बिहार मछली उत्पादन में देश के 4 टॉप राज्यों में शामिल हो गया है ,लेकिन मछुआरा समाज की हालत अभी भी ठीक नहीं है। इसलिए बिहार में मछली की खपत बढाकर जीडीपी में हिस्सेदारी और मछुआरा समाज की आमदनी में वृद्धि की जा सकती है।
उन्होंने कहा की मछली उद्योग वर्तमान में बिहार के प्रार्थमिक क्षेत्र जीडीपी में 8 प्रतिशत योगदान देता है। मछली उत्पादन बिहार के सकल घरेलु उत्पाद की वृद्धि में योगदान देगा और साथ ही रोजगार का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा ,जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधर होगा।
इस अवसर पर उन्होने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा की बिहार मछली उत्पादन में तभी आत्मनिर्भर होगा जब सरकार और लोग सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे। लोग मछली को स्वास्थ्य के लिए खाना अनिवार्य समझेंगे। उन्होंने कहा कि हफ्ते में एक बार मछली जरूर खाना चाहिए। क्योंकि यह स्वास्थ्यवर्धक होता है ,शरीर को एक्टिव रखता है ,सुपाच्य होता है ,मछली में प्रचूर मात्रा में प्रोटीन होता है जो स्किन के साथ साथ बालों के लिए भी लाभकारी होता है। साथ ही इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पायी जाती है । इसके नियमित सेवन से कैंसर का खतरा नहीं रहता है साथ ही यह दिल और धमनियों को मजबूत बनता है। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर मछली खाने के कई फायदे भी बताये।
इस अवसर पर कोफ्फेड के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने भी प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई दी और कहा कि लोगों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए मछली खाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मछली में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। उन्होंने कहा कि मछली में सोडियम ,पोटेशियम ,आयरन ,प्रोटीन ,विटामिन – डी और विटामिन -सी आदि पायी जाती है। जो हमारे शरीर को स्वास्थ्य ीखने में मददगार होते हैं।
इस अवसर पर संघ के निदेशक लाल बाबू सिंह ,प्रदीप कुमार सहनी ,कुमार शुभम ,सानिध्य राज ,अभिलाष कुमार ,मदन कुमार तथा संघ के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश सहनी ,लाल बाबू सहनी ,,जीतेन्द्र राज ,सिमरन ,अभिलाषा सिंह ,मुनव्वर अली एवं प्रमोद कुमार रजक उपस्थित थे।