बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित समर कैंप के सेशन 1 और सेशन 2 के प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। सेशन वन में प्रतिभागियों को मोमबत्ती बनाना सिखाया गया जबकि सेशन दो में शामिल हुए प्रतिभागियों को साबुन और मांडला आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया। साबुन प्रशिक्षण सत्र और मोमबत्ती प्रशिक्षण सत्र में प्रतिभागियों को बताया गया कि कम पूंजी लगाकर अपने घर में ही व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है । तरह-तरह के साबुन और कैंडल की बाजार में अच्छी डिमांड है । इसके अलावा पर्सनलाइज्ड प्रोडक्ट की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है । लोगों की ज़रूरतें और शौक में तेजी से बदलाव हो रहा है जिसके मध्य नजर हैंडीक्राफ्टेड आइटम्स का बाजार भविष्य में और भी तेजी से बढ़ेगा। घरेलू उद्योग के संचालन में अलग से मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है और घर के कामकाज करने के बाद जो समय बच जाता है उसमें घरेलू उद्योग चलाया जा सकता है ।

जिला खादी ग्रामोद्योग पदाधिकारी ने बताया कि बोर्ड द्वारा ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार अलग-अलग तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इस अवसर पर प्रतिभागियों को साबुन‌ सीखने की कला के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस सत्र का आयोजन खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा किया गया है, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने खूब उत्साहपूर्वक भाग लिया।

बिहार खादी ग्रीष्मकालीन शिविर में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के साथ मिलकर वे टीम वर्क, सहभागिता और आत्मविश्वास हासिल कर रहे हैं। साबुन बनाने के इस सत्र का मार्गदर्शन बबल बीज़ की संस्थापक शताक्षी शैली ने किया। शताक्षी द्वारा प्रतिभागियों को विभिन्न आकार और साइज़ के सुगंधित साबुन बनाना सिखाया गया एवं साबुन निर्माण के क्षेत्र में व्यवसायों के भी सम्भावनाओं के बारे में बताया गया। बिहार खादी हमेशा से इस तरह के व्यवसाय और हुनर को प्रोत्साहित करने का कार्य करते आया है और ख़ास तौर पर साबुन निर्माण जैसे कौशल में महिलाएँ सशक्त हो रही है। और उन्हें प्रोत्साहित एवं भविष्य निर्माण हेतु बिहार खादी, खादी मॉल के ज़रिए विक्रय करने का कार्य कर रही है। समर कैंप के सेशन 3 और 4 में सभी को विभिन्न प्रकार की कलाओं और कचरे को कंचन में बदलने की कला के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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