पटना 13 सितम्बर 2024
पर्युषण पर्व में आत्मा के दस स्वभाव पर कैसे विजय पाया जाए इसी को बताया जाता है। दस दिवसीय जैन पर्युषण पर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म की पूजा होती है. आज श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर काँग्रेस मैदान, कदमकुआं सहित मीठापुर , मुरादपुर , गुलजारबाग आदि जैन मंदिरों में शान्ति धारा ,पूजा किया गया।
काँग्रेस मैदान, कदमकुआं जैन मंदिर में सात प्रतिमाधारी ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी एवं तीन प्रतिमाधारी पूजा दीदी ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जैन श्रावकों को मानव धर्म उत्तम संयम धर्म की संगीतमय पूजा कराई। पूरे पूजा को अपने संगीत से पिरो रहें हैं फिरोजाबाद से पधारे मशहूर जैन संगीतकार शैंकी जैन एवं उनकी पार्टी तथा पूजा में सभी श्रावकों को सहयोग कर रहे हैं सागर से पधारे पुजारी अमन जैन ।
इस दसलक्षण पूजा में यहाँ इन्द्र इन्द्रानी के रूप में पूजा कर रहे हैं अजित जैन सरावगी एवं मंजू जैन। पर्युषण पर्व के छठवें दिन की शांतिधारा करने का सौभाग्य शांतिलाल जैन, महेश जैन सेठी परिवार को प्राप्त हुआ जिसे मंदिर में विराजमान सात प्रतिमाधारी ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी ने अपने स्वर कंठों से पढ़ कर कराई । आज की महाआरती का सौभाग्य भी शांतिलाल जैन, महेश जैन सेठी परिवार को हीं प्राप्त हुआ ।
एम पी जैन ने बताया कि आज दिगम्बर जैन समाज द्वारा दसलक्षण पर्व के तहत सुगंध दशमी भी मनाया गया । इस अवसर पर सभी जैन श्रद्धालुओं द्वारा अपने कर्मों के क्षय की भावना को लेकर भगवान के समक्ष धूप चढ़ाया गया। संयम धर्म के सम्बन्ध बताते हुए ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी ने बताया कि संयम के बिना आदमी पशु के सामान है। मनुष्य को अपने पाँचों इन्द्रियों पर संयम रखना चाहिए. संयम मन के अधीन होता है । जब हम संयम पाल लेंगे तो हमारी आकांक्षाएँ भी सीमित हो जाएगी, और फिर हम अपने मन को और इंद्रियों को भी वश में कर लेंगे। ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी ने बताया कि मानव जाति का अस्तित्व संयम के बिना संभव नहीं है। मनुष्य अपनी पाशविक वृतियों के नियंत्रण के द्वारा ही सामाजिक प्राणी बन पाया है। क्रोध पर संयम न करने के कारण हमारा जीवन संघर्षों से भर जाता है। काम पर संयम न रखने के कारण हम पशु बन जाते है। संयमहीन आचरण के कारण ही जीवन में अशांति , व्याकुलता , द्वेष ,अमानवीयता , क्रूरता आदि भावों एवं वृत्तियों का संचार होता है। अतः जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संयम अनिवार्य है।
बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के सचिव पराग जैन ने बताया कि सेठ सुदर्शन स्वामीजी की निर्वाण स्थली श्री कमलदहजी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, गुलजारबाग तथा राजगीर, पावापुर, कुंडलपुर, चम्पापुर आदि स्थानों पर भी काफी अधिक संख्या में श्रद्धालु दशलक्षण पर्व की पूजा अर्चना कर रहे हैं। एम पी जैन ने बताया कि पर्युषण पर्व के सातवें दिन शुक्रवार को उत्तम तप धर्म की पूजा की जायेगी।