पटना 11 दिसंबर 2024

बिहार विद्यापीठ के देशरत्न राजेंद्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आज “स्लेट से कैनवास तक” विषय पर तीसरे लोकतंत्र संवाद व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में बिहार के प्रख्यात चित्रकार श्री उमेश कुमार शर्मा ने अपने जीवन के संघर्ष और उपलब्धियों की कहानी स्वयं साझा की। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष विजय प्रकाश (सेवानिवृत्त भा.प्र.से.) ने अपने संबोधन में कहा, “संघर्ष की कहानियाँ न केवल जीवन की चुनौतियों से जूझने की प्रेरणा देती हैं, बल्कि निर्णय लेने और संकल्प को मूर्त रूप देने की शक्ति भी प्रदान करती हैं।” उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को ऐसी कहानियों के माध्यम से अवलोकन और आत्मनिरीक्षण की शक्ति विकसित करने का सुझाव दिया। 

श्री शर्मा ने अपनी कला यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह एक साधारण स्लेट से कला के कैनवास तक उनका सफर संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने बचपन की बाधाओं, किशोरावस्था की चुनौतियों, और बाद में अपनी पत्नी की गंभीर बीमारी के दौरान की कठिन परिस्थितियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों ने उन्हें मजबूत बनाया और उनकी कला को और गहराई दी। 

बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षणार्थियों ने श्री शर्मा की संघर्ष गाथा पर सवाल पूछे, जिससे कार्यक्रम और भी रोचक बन गया। इस संवाद ने प्रतिभागियों को जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की रणनीतियों को समझने का अवसर प्रदान किया। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय की निदेशक, शिक्षा संस्कृति और संग्रहालय, डॉ. मृदुला प्रकाश और कौशल विकास निदेशक डॉ. नीरज सिन्हा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहायक मंत्री अवधेश के नारायण ने मंच संचालन किया।  यह कार्यक्रम न केवल कला के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक माध्यम बना, बल्कि संघर्ष और समर्पण से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा भी दी। “स्लेट से कैनवास तक”जैसी पहलें समाज के लिए एक उज्ज्वल उदाहरण हैं।

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