नई दिल्ली 25 दिसंबर 2024
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 10,000 नवगठित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल और श्री मुरलीधर मोहोल और सहकारिता मंत्रालय के सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन की शुरुआत अमित शाह ने 2 महापुरुषों – पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी – की जन्मजयंती के अवसर पर दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी भारत की आज़ादी की लड़ाई के सभी नायकों में अग्रिम स्थान रखते हैं और उन्होंने देश की आज़ादी, भारतीयता, संस्कृति और हिंदू धर्म को चेतना देने के लिए आजीवन काम किया। श्री शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश की संसद में 5 दशकों तक भारत और संस्कृति की आवाज़ बनकर संसद का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने कई नई शुरूआत की जिनके कारण भारत आज ऊंचाइयों को प्राप्त कर सका है। श्री शाह ने कहा कि भारत को आणविक शक्ति देने और करगिल युद्ध के दौरान देश की भूमि के लिए संघर्ष करने का सिद्धांत अटल जी ने स्थापित किया। उन्होंने कहा कि अटल जी ने देश के हमारे जनजातीय भाइयों-बहनों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया। अटल जी ने ही स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग की शुरूआत की और देश के सभी गांवों को राज्य राजमार्ग के साथ जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की। गृह मंत्री ने कहा कि आज महान स्वतंत्रता सेनानी सी राजगोपालाचारी जी की पुण्यतिथि भी है, जो हमारे वेदों, उपनिषदों और पुरातन साहित्य के ज्ञाता थे और संविधान की रचना में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज अटल जी की जन्म शताब्दी के दिन 10 हज़ार नई बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (MPACS), डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक संयोग नहीं है क्योंकि संविधान में 97वां संशोधन अटल जी के समय में ही आया और बहुत समय से हाशिए पर पड़ी सहकारिता को अटल जी ने फिर से महत्व दिया था। श्री अमित शाह ने कहा कि 19 सितंबर 2024 को इसी स्थान पर हमने एक SOP बनाई थी और उसके 86 दिन के अंदर ही हमने 10 हज़ार पैक्स को रजिस्टर करने का काम समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की, तो उन्होंने ‘सहकार से समृद्धि’ का ध्रुव वाक्य दिया था। श्री शाह ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ तभी संभव है जब हर पंचायत में सहकारिता उपस्थिति हो और वहां किसी न किसी रूप में काम करे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के त्रिस्तरीय सहकारिता ढांचे को सबसे ज़्यादा ताकत प्राथमिक सहकारी समिति ही दे सकती है, इसीलिए मोदी सरकार ने 2 लाख नए पैक्स बनाने का निर्णय किया था।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि NABARD, NDDB और NFDB ने 10 हज़ार प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद सबसे बड़ा काम सभी पैक्स का कम्प्यूटराइज़ेशन करने का किया गया। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटराइज़ेशन के आधार पर पैक्स को 32 प्रकार की नई गतिविधियों से जोड़ने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि हमने पैक्स को बहुआयामी बनाकर और उन्हें भंडारण, खाद, गैस, उर्वरक और जल वितरण के साथ जोड़ा। श्री शाह ने कहा कि ट्रेन्ड मैनपावर न होने के कारण ये सब हम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इसके लिए आज यहां प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी शुभारंभ हुआ है जो पैक्स के सदस्यों और कर्मचारियों को संपूर्ण प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षण मॉड्यूल हर ज़िला सहकारी रजिस्ट्रार की ज़िम्मेदारी बने और पैक्स के सचिव एवं कार्यकारिणी के सदस्यों का अच्छा प्रशिक्षण सुनिश्चित हो।


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले पांच साल में 2 लाख नए पैक्स का गठन करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 5 साल से पहले ही हम दो लाख पैक्स का गठन कर लेंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में नाबार्ड 22,750 पैक्स और दूसरे चरण में 47,250 पैक्स बनाएगा, इसी प्रकार एनडीडीबी 56,500 नई समितियाँ बनाएगा और 46,500 मौजूदा समितियों को सुदृढ़ बनाएगा। एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियाँ बनाएगा और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों का सशक्तिकरण करेगा। इनके अलावा राज्यों के सहकारी विभाग 25000 पैक्स बनाएंगे। श्री शाह ने कहा कि नए मॉडल बायलॉज के साथ अब तक 11,695 नई प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत हुई हैं, जो हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2 लाख नए पैक्स बनने के बाद फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेजेस के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजार में पहुंचाना बड़ा सरल हो जाएगा।