पटना 11 जनवरी 2025
शनिवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस की पूर्व संध्या पर बिहार विद्यापीठ के देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय प्रांगण में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पौधारोपण के साथ स्मृति व्याख्यान का भी आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, मंगलाचरण, एवं स्वामी विवेकानंद के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया।
इस अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवा निवृत्त अधिकारी एवं बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष श्री विजय प्रकाश ने स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय, शिक्षा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान, और उनके क्रांतिकारी विचारों को प्रशिक्षुओं के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने स्वामी जी की विश्व धर्म संसद (अमेरिका) की ऐतिहासिक यात्रा की रोचक घटनाओं को कथा शैली में सुनाया।
उन्होंने बताया कि कैसे स्वामी विवेकानंद ने अपनी सादगी, ज्ञान और अटूट आत्मविश्वास से अमेरिका के प्रोफेसरों और जनता को प्रभावित किया। हावर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जान हेनरी राइट ने स्वामी विवेकानंद के ज्ञान को असाधारण मानते हुए उन्हें धर्म संसद में प्रतिनिधित्व करने का मार्ग प्रशस्त किया। स्वामी विवेकानंद का ऐतिहासिक उद्घोष “अमेरिका के भाइयों और बहनों” धर्म संसद में गूंज उठा और उनके क्रांतिकारी विचारों को तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा गया।
श्री विजय प्रकाश ने स्वामी जी की शिक्षण पद्धति और उनके विचारों को उद्धृत करते हुए बताया कि उन्होंने शिक्षा को हर वर्ग तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि अशिक्षित समुदाय शिक्षक के पास नहीं आ सकता तो शिक्षकों को उनके पास जाना चाहिए। उनके प्रयासों से रामकृष्ण मिशन की स्थापना हुई जिसने भारतीय शिक्षण पद्धति और वैदिक संस्कृति को विश्व स्तर पर प्रचारित किया। अवधेश के नारायण ,संयुक्त सचिव, बिहार विद्यापीठ द्वारा नरेन्द्र से स्वामी विवेकानन्द शीर्षक कविता का पाठ किया।इस अवसर पर बिहार विद्यापीठ के निदेशक, शिक्षा संस्कृति एवं संग्रहालय डॉ मृदुला प्रकाश, श्री प्रमोद कुमार कर्ण सीओओ एआई सी बिहार विद्यापीठ, प्राचार्य डॉ पूनम वर्मा सहित सभी प्राध्यापकगण एवं महाविद्यालय के बीएड एवं डीएल एड प्रशिक्षुओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अगले चरण में बीएड प्रथम वर्ष के प्रशिक्षुओं ने “हम संस्कृति के लिए विवेकानंद स्वयं बन जाएंगे” गीत का सामूहिक गायन किया। इसके बाद डीएलएड प्रशिक्षु मुस्कान मिश्रा ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसमें प्रशिक्षुओं को आठ समूहों में विभाजित किया गया। प्रत्येक समूह में 10-11 प्रतिभागी शामिल थे। गुलदाउदी, गेंदा, और औषधीय पौधों सहित कई प्रकार के पौधे लगाए गए। सभी प्रतिभागियों ने लगाए गए पौधों की विशेषताओं और उनके पर्यावरणीय लाभों पर चर्चा की।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षुओं ने यह संकल्प लिया कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वे समय-समय पर पौधारोपण करते रहेंगे। साथ ही, जहां भी जाएंगे, वहां पौधारोपण करेंगे और समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे। इस कार्यक्रम का समन्वय सहायक प्राध्यापिका रजनी रंजन एवं सहायक प्राध्यापक विकास कुमार के मार्गदर्शन में किया गया। राष्ट्रीय युवा दिवस के इस प्रेरणादायक आयोजन ने प्रतिभागियों को न केवल स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी जिम्मेदारी का बोध भी कराया।