पटना 25 फ़रवरी 2023

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज बिहार की राजधानी पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर आयोजित ‘किसान-मज़दूर समागम’ को संबोधित किया।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि स्वामी सहजानंद जी ने बिहार को अपनी कर्मभूमि बनाकर अंग्रेज़ों के साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया, ज़मींदारी प्रथा का विरोध किया, मज़दूरों का नेतृत्व किया और जाति, धर्म, पंथ और संप्रदाय से ऊपर उठकर देशभर के किसानों को एकत्रित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानंद जी और सुभाष चंद्र बोस एक ही विचारधारा से जुड़े हुए थे। स्वामी जी ने सन्यासी होने के बावजूद आज़ादी के आंदोलन में मुखर होकर हिस्सा लिया और जब ज़मींदारों द्वारा जबरन किसानों से कर वसूला जाता था तब उन्होंने “कैसे लोगे मालगुज़ारी, लट्ठ हमारा ज़िन्दाबाद” का नारा दिया था। श्री शाह ने कहा कि स्वामी जी ने उस वक्त कहा था कि “जो अन्न, वस्त्र उपजाएगा, अब वो कानून बनाएगा, ये भारतवर्ष उसी का है, अब वही शासन चलाएगा”। उन्होंने कहा कि किसान और मज़दूर को भारत की सभी व्यवस्थाओं के केन्द्र में लाने का काम स्वामी जी ने किया। उन्होंने कहा कि आज स्वामी जी का बिहार गर्त में जा रहा है और हम सबको इसे बचाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मानना है कि बिहार में डेयरी क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां पानी, भूमि और मेहनतकश किसान हैं और अगर यहां व्यवस्थाएं ठीक हों, तो बिहार पूरे देश में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन वाला राज्य बन सकता है। उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में गेहूं और धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होती है, तो बिहार में क्यों नहीं होती। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को किसानों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में जंगलराज है और इसके खिलाफ हमें मिलकर लड़ाई लड़नी है।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश की जनता 2024 में एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसान को बजट के केन्द्र में लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में पिछली सरकार द्वारा कृषि का बजट 25 हज़ार करोड़ रूपए रखा गया था, लेकिन मोदी जी ने इस वर्ष के बजट में उसे बढ़ाकर 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपए कर दिया है और यही बताता है कि देश के प्रधानमंत्री ने बजट के केन्द्र में कृषि और किसान को रखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के हर किसान के बैंक खाते में 6 हज़ार रूपए सालाना डीबीटी के माध्यम से पहुंच जाता है और इस योजना के ज़रिए मोदी जी ने ऐसी व्यवस्था की है कि किसान को ऋण ही ना लेना पड़े।श्री शाह ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में स्टार्ट-अप भी शुरू किए गए हैं और मोदी जी ने बारिश के आधार पर खेती करने वाले किसानों के लिए श्री अन्न यानी मोटे अनाज की योजना भी लागू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से हमारा ज्वार, बाजरा, रागी और मक्का दुनियाभर के बाज़ार में जाएगा और इससे किसानों की आमदनी बहुत बढ़ जाएगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय ने 2 लाख पंचायतों में सहकारी डेयरी बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि डेयरी के लिए देश में सबसे उपयुक्त जगह बिहार है क्योंकि यहां डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए सभी ज़रूरी संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 12 किस्तों में सवा 2 लाख करोड़ रूपए किसानों के बैंक खातों में पहुंचाने का काम श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है और इसके माध्यम से देश के करोड़ों किसानों ने अपने जीवन में परिवर्तन महसूस किया है। श्री शाह ने कहा कि 2009 से 2014 तक 3.74 लाख करोड़ रूपए का अनाज किसानों से खरीदा गया, लेकिन 2014 से 2019 के बीच 8 लाख करोड़ रूपए का गेहूं और धान किसानों से खरीदने का काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी नीमकोटेड यूरिया लाए जिससे देशभर में इसकी कालाबाज़ारी बंद हो गई, लेकिन बिहार में इसकी कालाबाज़ारी चल रही है, इसीलिए यहां किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में भी डबल इंजन की सरकार बन जाए, तो बिहार देश का सबसे समृद्ध राज्य बन जाएगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि स्वामी सहजानंद जी के किसानों और मज़दूरों के प्रति विचारों को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ज़मीन पर उतार रहे हैं।

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