पटना 08 मई 2024

जद(यू) प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव, प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद और धीरज कुशवाहा ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को देशभर में लागू करवाने के लालू प्रसाद यादव के झूठे दावे पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि लालू प्रसाद असल मायने में झूठ बोलने की मशीन हैं और वो मंडल कमीशन रिपोर्ट को लेकर चुनाव के समय जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।

पार्टी प्रवक्ताओं ने लालू प्रसाद यादव से सवाल पूछते हुए कहा कि आज जिस कांग्रेस की गोद में बैठकर लालू प्रसाद यादव राजनीति कर रहे हैं उस कांग्रेस से उन्हें पूछना चाहिए कि आजादी के बाद सालों तक केंद्र में शासन करने वाली कांग्रेस ने आखिर केंद्र की नौकरियों में आरक्षण क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने कभी कांग्रेस से नहीं पूछा कि आखिर काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में उसने क्यों डाला? उन्होंने गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि ये हकीकत है कि आजादी के बाद 50 सालों तक पिछड़ा समुदाय का बेटा केंद्र की नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं ले सका।

पार्टी प्रवक्ताओं ने लालू प्रसाद यादव के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि कैसे बतौर राज्य का मुख्यमंत्री रहते लालू प्रसाद ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को केंद्रीय स्तर पर लागू करने का दावा किया?  जबकि हकीकत ये है कि केंद्रीय स्तर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री वी0 पी0 सिंह ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को देशभर में लागू करने का काम किया था, लालू यादव ने नहीं । उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि लालू प्रसाद को कभी पिछड़ों के आरक्षण के प्रति कोई मोह नहीं रहा। उन्होंने कहा कि ये तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की लगातार कोशिश रही कि उन्होंने कई सालों तक लगातार केंद्रीय स्तर पर पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की।

इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने लालू प्रसाद यादव से कुछ अहम सवाल पूछे:

  1. क्या ये सही नहीं है कि देश स्तर पर किसी भी आयोग की सिफारिशों को देश का प्रधानमंत्री लागू करता है, ना कि किसी राज्य का मुख्यमंत्री। ऐसे में लालू प्रसाद यादव का ये दावा करना कि उन्होंने मंडल आयोग की सिफारिशों को देश में लागू किया था, सर्वथा अनुचित और झूठा प्रचार नहीं है?
  2. हम लालू प्रसाद यादव से यह पूछना चाहते हैं कि, अगर लालू प्रसाद यादव पिछड़ों के इतने बड़े हितैषी हैं तो वो बतौर सांसद मंडल कमीशन की तरफ से 31 मार्च से 18 मई, 1979 के बीच सांसदों के लिए बुलायी गई बैठकों में शामिल क्यों नहीं हुए?
  3. क्या ये सही नहीं है कि कर्पूरी ठाकुर द्वारा लागू कर्पूरी फाॅर्मूला आरक्षण को केंद्र में लागू करने के लिए लालू प्रसाद यादव ने एक बार भी मांग नहीं की ? जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार केंद्र सरकार से मांग करते रहे और इनकी मांगों और दबाव के कारण ही रोहिणी आयोग गठित किया गया।
  4. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के अति पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की? लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की कोशिशों का जमकर विरोध किया और कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण फाॅर्मूले को जारी रखने की बात कही?
  5. क्या ये सही नहीं है कि मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए सांसद स्व0 राम अवधेश सिंह की अगुवाई में आंदोलन किए जा रहे थे। क्या उस समय लालू प्रसाद यादव इस आंदोलन के साथ थे?
  6. क्या ये सही नहीं है कि साल 1978 से लेकर अबतक आरक्षण में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के वर्गीकरण में कर्पूरी फाॅर्मूले को केंद्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर लालू प्रसाद ने कोई ठोस पहल नहीं की? इस संबंध में अगर उनके पास कोई प्रेस काॅन्फ्रेंस, कोई सम्मेलन या फिर सार्वजनिक सभाओं में उनके दिए भाषण हों तो वो इसे सार्वजनिक करें? पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि दरअसल इस लोकसभा चुनाव में अपने गठबंधन की हार देख लालू प्रसाद यादव अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं जबकि राज्य की जनता इनकी सारी सच्चाई को बखूबी जान रही है।

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