मधुबनी,10 मई 2024
जो अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा में बहाल करने का वायदा करेंगे और नौकरी को बचाएंगे मधुबनी लोकसभा का सांसद उसी को बनाया जाएगा में मोहम्मद सालीम इमानी मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के ईमानदार और समाजसेवी पुर्व वार्ड कमिश्नर मोहम्मद अब्दुल कलाम शकील आजाद साहब मरहूम के पुत्र मोहम्मद सालीम अबुल कलाम शकील इमानी पूर्व शिक्षक मदरसा इस्लाहे ईमानो अमल का कहना है कि मधुबनी लोकसभा का सांसद वही बनेगा जो अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा में लाएगा और नौकरी को बचाएगा .
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के तमाम प्रतिनिधियों को मालूम हो कि बिहार हुकूमत के मोहकमा तालीम के अफ़सरान ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को पुरक परीक्षा लेने के बजाय उन्हें नोकरी से हटाने का आदेश जारी करके हजारों खानदान की रोजी-रोटी पर जुल्मों सितम का पहाड़ ढाह दिया है अप्रशिक्षित शिक्षकों का खानदान अचानक नोकरी से हटाए जाने से डिप्रेशन का शिकार है कई घरों के चुल्हे बुझ गए अप्रशिक्षित शिक्षकों के परिवार के बीमारों के लिए इलाज में कठिनाई झेलना पर रहा है जिस के वजह से कई अप्रशिक्षित शिक्षकों अल्लाह के प्यारे होगए और कई अप्रशिक्षित शिक्षकों तनाव और जानलेवा बीमारी से झुझ रहे हैं हम किस दौड़ में जी रहे हैं क्या बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर का आईन इस बात की इजाजत देता है कि 15 साल से बहाल अप्रशिक्षित शिक्षक के खानदान का रोजगार छीन लिया जाए बिहार सरकार ने इतने खानदान के बच्चों को कहां धकेल दिया उन्हे नक्सलाइज्ड बनने पर मजबूर किया जा रहा है जब अप्रशिक्षित शिक्षकों के उन बच्चों को पैसे की कमी की वजह से खाना दवाई और तालीम बंद हो गई है तो फिर उनका क्या बनेगा कम से कम तालीम याफता नहीं बनेगा गलत रास्ते पर चलना और मोआसरे और मुल्क के लिए चैलेंज बन जाएगा एक तरफ जहां बिहार सरकार तालीम सेहत और नौकरी की बात करती है वहीं दूसरी तरफ बच्चों की तालीम और दवा भी छीनी जा रही है मो सालिम अबुल कलाम शकील इमानी ने कहा की मुल्क की अदालाते आजमी ने हजारों मुकद्दमात में पालिसी फ़ैसला सुनाते हुए कहा की किसी परिवार की बहाली के बगैर उन की रोजी रोटी और जुल्म और ज्यादती नही की जा सकती बिहार सरकार को चाहिए कि अपारशिक्षित शिक्षकों को सेवा में बहाल रखते हुए उनको पूरक परीक्षा कढ़ाई जाए और नहीं तो इन शिक्षकों को दूसरे विभाग में बहाल किया जाना चाहिए जैसा के पहले कई राज्य ने किया है आज लोकसभा चुनाव जारी है तमाम अप्रशिक्षित शिक्षकों को मिलकर यह फैसला लेना चाहिए कि इस नौकरी को बरकरार रखने के लिए वैसे सांसदों को हम लोग मिलकर चयनित करें के सेवामुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों को नौकरी में बहाल करा दें लेकिन अफसोस उस समय होता है जब यहां के जनप्रतिनिधि हम लोगों के साथ वायदा करके धोखेबाजी करते हैं