गया 18 जून 2024
बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें।
- सभी तैयारियां ससमय पूरी कर ली जाय। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो।
- हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी।
- जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें और उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। वे क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें।
- जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में आपदा की स्थिति में किए गए कार्यों को ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं।
भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।
- जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी सतत् निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें।
- राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें
पटना, 18 जून 2024 : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज 01 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक भी जुड़े रहे।
बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग, पटना के निदेशक ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए बताया कि दो से तीन दिनों में मॉनसून के आने की संभावना है। सभी जिलों में वर्षा होने की संभावना है।
बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स/फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार एवं कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने अपने-अपने विभागों द्वारा संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदय कांत ने बाढ़/सुखाड़ आदि आपदाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा आपदा के क्षेत्र में किये गये कार्यों के बारे में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत् निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें। हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। सभी संबद्ध विभाग जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर कार्य करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। जिलाधिकारी क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें। जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में आपदा की स्थिति में किए गए कार्यों को भी ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं। अन्तरविभागीय समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि लोगों को सुविधा और सहूलियत मिले।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, कृषि सह स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री नितिन नवीन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदय कांत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्टी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी०एन० राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री चन्द्रशेखर सिंह, अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं एन०डी०आर०एफ० और एस०डी०आर०एफ० के पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।
गया ज़िला के समीक्षा के दौरान
गया जिला के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने बताया कि हर घर नल का जल ग्रामीण क्षेत्र योजना के तहत 320 पंचायत के 4379 वार्ड हैं। जिसमे पंचायती राज विभाग द्वारा 2602 योजना में 2265 योजना क्रियाशील है। phed विभाग द्वारा 1970 वार्ड में से 1949 वार्ड में पेयजल क्रियाशील है। ज़िले में 99 वार्ड क्रिटिकल वार्ड हैं।
छुटे हुए बसावट जो 1178 टोला है बसावट वाले क्षेत्रों में तेजी से पानी उपलब्ध कराने के लिये कार्य किया जा रहा है।
किसी भी टोली में पानी सप्लाई बंद ना रहे इससे निगरानी हेतु प्रखंड टेक्निकल असिस्टेंट द्वारा लगातार क्षेत्र भ्रमण कर इसका प्रतिवेदन लिया जाता है जहां भी नल जल योजना बंद पाई जाती है तुरंत 24 घंटे के भीतर ही मरम्मत करते हुए पानी सप्लाई शुरू करवा दी जाती है।
बैठक में निर्देश दिया गया कि हर पंचायत के हर वार्ड में नल जल योजना के तहत पानी सप्लाई चालू रहे, इसका पूरा निगरानी रखना सुनिश्चित कराएं ताकि एक भी घर को पानी ना मिलने की शिकायत ना मिले।
पीएचईडी विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वर्तमान समय में भूगर्भ जल स्तर 37.25 फीट नीचे है।
अत्यधिक गर्मी पड़ने पर आवश्यकतानुसार टैंकर के माध्यम से भी जलापूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी। पीएचडी द्वारा 68 टैंकर से सभी 24 प्रखंड के 77 पंचायत के 199 गाँव/ टोला में 341 ट्रिप लगा रहा है, जिससे लगभग 26444 लोग लाभन्वित हो रहे हैं। नगर निगम के पास 30 टैंकर, नगर पंचायत बोधगया के पास 4, नगर पंचायत टिकारी 3, नगर पंचायत शेरघाटी 2 टैंकर है। पीएचडी द्वारा संबंधित टोलो में जलापूर्ति आम जनों तक उपलब्ध करा रही है तथा जिस स्थान से जल की समस्या से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती है। वहां तुरंत टैंकर मुहैया कराया जाता है। जल संकट वाले टोलो पर लगातार निगरानी भी रखी जा रही है।
जिले में सार्वजनिक चापाकल मरम्मत हेतु पर्याप्त गैंग द्वारा कुल 6904 चापाकल को मरम्मत कराया गया है, शेष चापाकलों को युद्ध स्तर पर मरम्मत करवाने का कार्य किया जा रहा है।
जिले में पशुओं को पानी पिलाने हेतु सभी कैटल ट्रफ को चालू करवाया गया है, कुछ खराब हैं, उसे भी चालू करवाया जा रहा है। पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। बीमार पशुओं को उपचार तथा सभी जिलों में पशु दवा की प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करवाने का निर्देश दिए हैं।
समीक्षा बैठक में हीटवेव को लेकर निर्देश दिया गया कि सभी अस्पतालों पर विशेष नजर रखें। स्वास्थ्य विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के हीटवेव से संबंधित जो भी गाइडलाइन है उसका पूरी तरह अनुपालन सभी सरकारी अस्पतालों में करवाना सुनिश्चित करें। सभी सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था सुनिश्चित करावे।
नगर विकास एवं आवास विभाग के समीक्षा के दौरान निर्देश दिया गया कि नालों की सफाई तेजी से करवाएं। जलजमाव तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराना सुनिश्चित करावे।
अंत में माननीय मुख्यमंत्री ने सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इस वर्ष अप्रैल माह से ही दिन प्रतिदिन काफी तेजी से तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसलिए अपने जिले के क्षेत्रों में लगातार स्थिति का जानकारी एवं निगरानी रखें। हर हाल में अंतिम लोगों तक सहायता उपलब्ध कराने हेतु पूरी तैयारी रखें। मनरेगा के तहत कार्य करने वाले कामगारों/ मजदूरों को भीषण गर्मी को देखते हुए सुबह एवं शाम में कार्य करवाएं।
इस अवसर पर वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, अपर समाहर्ता आपदा सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।