पटना 14 जुलाई 2024

मेरी कुर्सी किसी भी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होगी। और जब मैं ईमानदारी से सब काम करना चाहता हूं तो अधिकारियों से भी अपेक्षा करुंगा कि वो भी अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करें। बदलाव एक दिन या एक महीने में नहीं आएगा लेकिन जब इच्छा शक्ति मजबूत हो तो यह काम मुश्किल नहीं है। अंचल स्तर पर विभाग की बदनामी कम करने के लिए अपर समाहर्ताओं को पहल करनी ही होगी। ये बात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने आज अपर समाहर्ताओं की बैठक में कही। वो आज पटना के शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित अपर समाहर्ताओं की मासिक बैठक को संबोधित कर रहे थे।

माननीय मंत्री ने कहा कि जहां भी जा रहा हूं लोग अंचल स्तर के कर्मियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें लेकर आ जा रहे हैं। राजस्व कर्मचारी और उनके नीेचे स्तर के मुंशी और दलालों ने भू माफियाओं के साथ मिलकर स्थिति को और गंभीर बना दिया है। निर्धन लोगों का भी कोई काम बिना पैसे के नहीं हो रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग आमलोगों से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है। उन्होंने बैठक में उपस्थित विभागीय पदाधिकारियों एवं अपर समाहर्ताओं से सवाल किया कि क्या हम भ्रष्टाचार के इस दाग से मुक्त हो सकते हैं ? साथ ही उन्होंने अपर समाहर्ताओं का आह्वान किया कि मजबूत इच्छा शक्ति से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। कहा कि अपर समाहर्ता इस महीने इस बीमारी को 10 फीसदी कम करने के साथ अभियान की शुरूआत करें।

मंत्री महोदय ने कई मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि अपर समाहर्ताओं का आदेश नीचे के राजस्व कार्यालयों में महीनों तक पेंडिंग पड़ा रहता है। अंचल अधिकारी/भूमि सुधार उप समाहर्ता उनका कंप्लायंस नहीं करते। आपका डर नीचे के अधिकारियों में होना चाहिए। इसके लिए नीचे के कार्यालयों की नियमित एवं सघन जांच करें। अंचलों में फीफो के उल्लंघन की संख्या बहुत ज्यादा है। बिना अपर समाहर्ता की अनुमति के फीफो का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। अगर अंचल अधिकारी ऐसा करते हैं तो अपर समाहर्ता ऐसे अंचल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने 11073 फीफो उल्लंघन मामले का उदाहरण दिया और बैठक उपस्थित अधिकारियों को इससे संबंध एक कड़ा पत्र विभाग की तरफ से निकालने का निदेश भी दिया।

बैठक मे माननीय मंत्री ने अतिक्रमण, अभियान बसेरा, सैरात बंदोबस्ती, सरकारी जमीन की सुरक्षा, म्युटेशन समेत राजस्व के विभिन्न विषयों की समीक्षा की और खराब प्रदर्शन करनेवाले जिलों को अपने कामकाज में सुधार लाने की नसीहत दी। अतिक्रमण के मामलों की समीक्षा के दौरान अतिक्रमण हटाने के मामले में प्रशंसनीय कार्य के लिए बांका जिले की तारीफ की जबकि मधुबनी जिले को कामकाज में सुधार लाने की नसीहत दी।

इस मौके पर बैठक को संबोधित करते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि हरेक माह में अपर समाहर्ताओं की बैठक अनिवार्य रूप से होगी। सभी अपर समाहर्ताओं के कामकाज की रैंकिंग विभाग द्वारा तैयार की जा रही है जिसके आधार पर उनका आकलन किया जाएगा। इस माह खराब रैंकिंग वाले जिलों का परफॉर्मेंस उन्हें देखने और अपना कामकाज सुधार करने के लिए वहां के अपर समाहर्ता को दिया जा रहा है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नीचे के कार्यालयों में शिकायतों का ठीक से निपटारा नहीं किया जा रहा है जिससे राज्य स्तर पर शिकायतें आ रही हैं। 60 से 70 फीसदी शिकायतें तो सिर्फ म्युटेशन से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि कार्य संस्कृति में बदलाव लाकर इसे ठीक किया जा सकता है। अपने कार्यालय आए मुलाकातियों से निर्धारित अवधि में अवश्य मिलें और मुलाकातियों को अपने स्टॉफ के रहमोकरम पर नहीं छोड़ें।

बैठक में विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी लक्ष्मण तिवारी, विशेष सचिव महफूज आलम, अतिरिक्त सचिव अरूण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव आजीव वत्सराज समेत सभी वरीय पदाधिकारी और सभी 38 जिलों से आए अपर समाहर्ता उपस्थित थे।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You missed