पटना 25 जुलाई 2024

पटना ऑब्स एण्ड गायनी सोसायटी द्वारा राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य सम्मेलन यानी “फॉगसी नेशनल एडोलेसेन्ट कॉन्फ्रेंस 2024” का आयोजन आगामी 27 एवं 28 जुलाई 2024 को होटल मौर्या में होने जा रहा है, जो सोसायटी द्वारा किशोरियों के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य के विकास में सहायता, शिक्षा एवं सशक्तिकरण के प्रयास में प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस सम्मेलन में डॉक्टरों को किशोरावस्था में होनी वाली समस्याओं एवं उनके इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी जायेगी।

पटना ऑब्स एण्ड गायनी सोसायटी द्वारा आयोजित यह सम्मेलन 27 जुलाई को वीडियो कार्यशाला से शुरू होगा, जिसमें लेप्रोस्कोपी एवं हिस्ट्रोस्कोपी द्वारा विभिन्न समस्याओं का इलाज राष्ट्रीय संकायों द्वारा दिखाया जायेगा। 27 जुलाई को संध्या 6 बजे सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि मंगल पांडे, माननीय स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार द्वारा किया जायेगा जिसमें देश के अन्य गणमान्य चिकित्सक भी उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन के वैज्ञानिक सत्र में देशभर से 40 राष्ट्रीय संकाय इस सम्मेलन में उपस्थित होंगे एवं विभिन्न विषयों पे विस्तार से चर्चा करेंगे। तीन कीनोट लेक्चर्स, सात पैनल एवं ओरेशन द्वारा विविध परिप्रेक्ष्यों पर अंतरूदृष्टि एवं विचार विमर्श किया जायेगा। यह सम्मेलन बिहार के करीब 400 स्त्री रोग विशेषज्ञों को किशोरियों के स्वास्थ्य संबंधी बारीकियों को जानने का अवसर प्रदान करेगा।

इस सम्मेलन की अध्यक्ष, आयोजन समिति डा. मीना सामंत एवं आयोजन सचिव डा. सुप्रिया जयसवाल जो कि एडोलेसन्ट हेथ्य कमिटी, फॉगसी की चेयरपर्सन भी हैं। फॉगसी प्रेसिडेंट डा. जयदीप टंक, फॉगसी सेक्रेटरी डा. माधुरी पटेल एवं फॉगसी वाइस प्रेसिडेंट डा. निरजा भाटला मुख्य पथ-प्रदर्शक हैं। रिशेपसन कमिटी की अध्यक्ष डा. मंजू गीता मिश्रा, नैशनल कोरडिनेटर डा. अनिता सिंह, कॉन्फ्रेंस कोरडिनेटर डा. विनिता सिंह एवं डा. प्रज्ञा मिश्रा चौधरी, साइंटिफिक कमिटी की अध्यक्ष डा. आभा रानी सिंहा, वर्कशॉप कमिटी की अध्यक्ष डा. अल्का पांडेय है।

पब्लिक फोरम की अध्यक्ष डा. प्रमिला मोदी, संयुक्त आयोजन सचिव डा. अमिता सिंहा, डा. निभा मोहन, डा. चारू मोदी, कल्चरल कमिटी की अध्यक्ष डा. रेणु रहोतगी एवं प्रेस मिडिया की अध्यक्ष डा. पूनम लाल है। इस प्रेस कांफ्रेंस में में उपर्युक्त चिकित्सकों के अलावे अनेक सीनियर डॉक्टर शांति राय, डॉ सुषमा पांडे, डा. नीलम, डा. कुमकुम सिन्हा, डा. रीता सिंहा, डा. उषा कुमारी, डा अंजना सिन्हा, डा. रंजना सिन्हा, डा. जरीन रहमान, डा. मुक्ता अग्रवाल, डा. कल्पना सिंह, डा. पूनम दीक्षित, डा. रेणू रोहतगी भी उपस्थित थी।

विदित हो कि किशोरावस्था बचपन एवं वयस्कता के बीच की अवस्था को कहते है। 10-19 साल की उम्र किशोरावस्था कहलाती है। भारत में किशोरों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा, 243 मिलियन है। यानी हर पाँच में से एक व्यक्ति 10-19 वर्ष का है। आज के किशोर ही कल के भविष्य हैं। अगर किशोरियाँ स्वस्थ, शिक्षित एवं सुरक्षित होगी तभी स्वस्थ वयस्क (महिलाएँ) बनेंगी और तभी समाज एवं देश का सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक विकास होगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य बिहार के हरेक डॉक्टरों को किशोरियों में होने वाली छोटी से छोटी गंभीर समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी देना है ताकि वे किशोरियों के सशक्तिकरण में सहायता कर सकें।

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