पटना 9 सितम्बर 2024
दस दिवसीय दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन आज पटना के मीठापुर, कदमकुआँ, मुरादपुर, कमलदह मंदिर गुलजार बाग सहित सभी दिगम्बर जैन मंदिरों में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की गयी. सभी दिगम्बर जैन मंदिरों में भगवान् का अभिषेक एवं शान्तिधारा की गयी. जैन समाज के एम पी जैन ने बताया कि कदमकुआं स्थित श्रीपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में दसलक्षण पर्व सम्पन्न कराने सात प्रतिमाधारी प्राची दीदी एवं तीन प्रतिमाधारी निक्की दीदी पधारी हैं जिनके सानिध्य में दसलक्षण पर्व की पूजा प्रारम्भ हुई।
साथ ही इस पूजा को संगीतमय बनाने फिरोजाबाद से संगीतकार सेंकी जैन अपने ग्रुप के साथ पधारे हैं। कदमकुआं स्थित श्रीपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आज की शांतिधारा एम पी जैन परिवार एवं निर्मल बडजात्या परिवार ने किया. एम पी जैन ने बताया कि दसलक्षण पर्व में मनुष्य की आत्मा के दस गुणों की पूजा की जाती है – जैन पर्युषण पर्व में आत्मा के दस स्वभाव पर कैसे विजय पाया जाए इसी को बताया जाता है।
पर्युषण पर्व का द्वितीय दिवस ‘उत्तम मार्दव’ नामक दिवस है जो अहंकार पर विजय प्राप्त करने की कला को समझने एवं सीखने का दिन होता है। जैन मुनि प्रमाणसागर जी महाराज का कहना है कि उत्तम मार्दव धर्म हमें बताता है की हम मुलायम एवं मीठा बोलें . मुनिश्री ने बताया कि देव-शास्त्र गुरु की अवहेलना कभी नहीं करनी चाहिय उनका सम्मान करना आपका अपना सम्मान है .
मुनिश्री का कहना है कि जैसे फलों-फूलों से लदा हुआ पेड़, सहज ही झुक जाता है। वैसे ही गुणों के भार से आत्मा विनम्र होती है, झुक जाती है। अहंकार इंसान की एक बहुत बड़ी कमजोरी है। व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है की वह अहंकार को त्याग कर दूसरों के प्रति विनम्रता के साथ मृदुता का आचरण करे। जो व्यक्ति जरा भी मद नहीं करता है वही उत्तम मार्दव धर्म का पालन करता है। अहंकार के कारण आदमी पद और प्रतिष्ठा की अंधी दौड़ में शामिल हो जाता है, जो उसे अत्यंत गहरे गर्त में धकेलती है। जैन ने बताया कि कल पर्युषण पर्व के तीसरे दिन सभी दिगम्बर जैन मंदिरों में उत्तम आर्जव धर्म की पूजा होगी. आर्जव धर्म द्वारा अपने भीतर मौजूद छल कपट पर विजय प्राप्त करते है। मानव धर्म ऐसा होना चाहिय की जो वह बोले वही करे। आर्जव व्यक्ति के चरित्र एवं व्यवहार को निष्कपट बनाता है।.