पटना, 25 सितम्बर 2024

राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के साथ 81 गुड़ इकाइयों के लिए 1240 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं और राज्य के चीनी मिलों में पेराई क्षमता लगभग दूनी होने से गन्ना उद्योग में व्यापक संभावनाएँ दिख रही हैं। इसके फलस्वरूप चीनी उत्पादन मे बिहार अभी देश में पांचवें स्थान पर है और जल्द ही तीसरे स्थान पर कायम होगा।

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बुधवार को सूचना भवन के संवाद ‘कक्ष’ में आयोजित गन्ना उद्योग विभाग के संवाददाता सम्मेलन के दौरान माननीय मंत्री, गन्ना उद्योग विभाग कृष्ण नंदन पासवान ने उपर्युक्त बातें कहीं। विभाग की गतिविधियों की जानकारी उन्होंने निम्नवत् दी :-
बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम-राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन की स्वीकृति प्रदान की गयी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 81 गुड़ इकाइयों की स्थापना के लिए मो० 1240.00 (बारह करोड़ चालीस लाख) रूपये की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना में पारदर्षिता लाने हेतु ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उद्यमियां से आवेदन लेने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जायेगी। इसके लिए विभाग द्वारा केन केयर सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित पूँजी अनुदान का प्रावधान किया गया हैः-
5-20 टीसीडी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिषत या अधिकतम 06 लाख रूपये तक, जो भी कम हो देय होगा।
21-40 टीसीडी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता स्थापना पर लागत का 50 प्रतिषत या अधिकतम 15 लाख रूपये तक, जो भी कम हो देय होगा।
41-60 टीसीडी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिषत या अधिकतम 45 लाख रूपये तक, जो भी कम हो देय होगा। 60 टीसीडी (टन पेराई प्रतिदिन) से अधिक क्षमता की स्थापना पर लागत का 20 प्रतिषत या 45 लाख रूपये, जो भी अधिक हो तथा अधिकतम 01 करोड़ रूपये तक।
500 लाख से अधिक के निवेष के लिए इकाईयों द्वारा लिए गए सावधि ऋण पर ब्याज आर्थिक सहायता-सावधि ऋण पर 10 प्रतिषत ब्याज या सावधि ऋण के वास्तविक ब्याज के दर जो भी कम हो, पाँच वर्षां की अवधि तक, अधिकतम ब्याज आर्थिक सहायता परियोजना लागत की 50 प्रतिषत तक होगा। ब्याज आर्थिक सहायता उस अवधि की मूलधन राषि (ऋण का) के भुगतान करने पर बैंक को अर्द्धवार्षिक/वार्षिक आधार पर दी जायेगी।


चतुर्थ कृषि रोड मैप-

गन्ना राज्य का एक महत्वपूर्ण नगदी एवं वाणिज्यिक फसल है। कृषि आधारित उद्योगों में गन्ना आधारित चीनी उद्योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गन्ना आधारित उद्योग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय में बढ़ोतरी संभव है। इन उद्योगों में बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर उपलब्ध होता है।राज्य सरकार गन्ना की खेती तथा गन्ना आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए कृषि रोड मैप कार्यक्रम लागू कर रही है। कृषि रोड मैप कार्यक्रम के कार्यान्वयन के फलस्वरूप राज्य में चीनी का उत्पादन वर्ष 2006-07 में 4.51 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 6.87 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
आगे ईंख आयुक्त अनिल कुमार झा ने बताया कि वर्ष 2019-20 से रीगा चीनी मिल का परिचालन बंद हो गया। मिल की बंदी के बाद कालांतर में यह विषय एन.सी.एल.टी., कोलकाता द्वारा विचाराधीन रहा है। एन.सी.एल.टी.द्वारा नियुक्त स्पुनपकंजवत के द्वारा चार बार निविदा किया गया। चतुर्थ निविदा की प्रक्रिया के बाद मेसर्स निरानी सुगर्स को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया है। मेसर्स निरानी सुगर्स देष की प्रमुख चीनी उद्यम में से एक है। इसी पेराई सत्र से रीगा चीनी मिल के फिर से शुरू होने की संभावना बन गई है। इससे स्थानीय लोग काफी खुष हैं। विभाग की अन्य जानकारियाँ उन्होंने निम्नवत् दी :-
चीनी का रिकार्ड उत्पादन-पेराई सत्र 2023-24 अन्तर्गत राज्य की चीनी मिलों द्वारा 677.20 लाख कि्ंवटल (गत वर्ष की तुलना में लगभग 14.24 लाख क्विंटल अधिक) गन्ने की पेराई करते हुए 10.16 प्रतिशत रिकवरी के साथ 68.77 लाख कि्ंवटल चीनी का उत्पादन किया गया है। साथ ही राज्य की चीनी मिलों के साथ संबद्ध डिस्टीलरी इकाई द्वारा 86298.72 किलो लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया गया है। गन्ना कास्तकारों को 99.34 प्रतिशतकुल 2354.80 (दो हजार तीन सौ चौवन करोड़ अस्सी लाख)़ करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है। विष्णु सुगर मिल, गोपालगंज को छोड़कर सभी चीनी मिलों द्वारा शत-प्रतिषत ईख मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना-गन्ना के उपज को बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रकार के गन्ना बीज का उपयोग नितांत आवष्यक है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम के तहत त्रिस्तरीय बीज उत्पादन कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। राज्य के गन्ना किसानों को सर्वश्रेष्ठ गन्ना बीज की आपूर्ति की जा सके, इसके लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं गन्ना अनुसंधान संस्थान, पूसा, बिहार के साथ दिनांक-02.09.2024 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। इन संस्थानों के माध्यम से अगले पांच वर्षों तक प्रति वर्ष 19250 क्वींटल प्रजनक बीज का उत्पादन होगा। बीज उत्पादन की अगली कड़ी अर्थात आधार बीज एवं प्रमाणित बीज उत्पादन का कार्य चीनी मिलों के प्रक्षेत्रों एवं किसानों के प्रक्षेत्रों में किया जा रहा है।
वर्ष 2024-25 में गन्ना के चयनित प्रभेदों के प्रमाणित गन्ना बीज का वितरण का 6 लाख 20 हजार क्वींटल बीज पर सामान्य किसानों को 210 रू० प्रति क्वींटलतथा अनुसूचित एंव अनुसूचित जनजाति के किसानों को 240 रू० प्रति क्वींटल की दर से बीज के खरीद पर अनुदान का भुगतान लाभुक किसानों को उनके बैंक खाते में किया जायेगा। इस वर्ष से राज्य में पहली बार इस योजना कार्यान्वयन ऑनलाईन केन केयर सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा।
मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 1 लाख 92 हजार 500 क्वींटल आधार बीज का उत्पादन के लिए किसानों/उत्पादकों को 60,000/- रू० प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जायेगा। वर्ष 2024-25 में 6 लाख 20 हजार क्वींटल प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए 50 रू० प्रति क्वींटल की दर से बीज उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राषि का भुगतान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 में गन्ना के साथ अंतरवर्ती खेती को अपनाने के लिए किसानों को 800 रू० प्रति एकड़ की दर से सहायता अनुदान दी जायेगी। कीट व्याधि के नियंत्रण के लिए किसानों को 2500रू० प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जायेगी।

किसानों को आधुनिक गन्ना उत्पादन तकनीकी से अवगत कराने के लिए इस वर्ष 500 किसान प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें 20000 किसान लाभान्वित हुए हैं। इस वर्ष 12 राज्यस्तरीय गन्ना किसान संगोष्ठी आयोजित होना है, जिसमें 2400 गन्ना किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। किसानों को प्रमुख गन्ना सस्थानों में एक्सपोजर विजिट का आयोजन किया गया है। इससे इस वर्ष 400 किसानों को लाभान्वित किया गया है।
इस अवसर पर प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल ने विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम गन्ना यांत्रिकरण योजना के बारे में जानकारी दी और बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य में पहली बार गन्ना किसानों के हित में गन्ना यंत्रिकरण योजना का कार्यान्वयन किया जायेगा। इस योजना के कार्यान्वयन फलस्वरूप गन्ना किसानों को अनुदानित दर पर गन्ना की खेती में उपयोगी कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसानों द्वारा की जा रही गन्ना की खेती की लागत में कमी होगी तथा शुद्ध आय में वृद्धि होगी। आगे उन्होंने जो जानकारियाँ दी वो निम्नवत् है :-
केन केयर सॉफ्टवेयर- विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं को ऑनलाईन करने के लिए एन.आई.सी. के सहयोग से केन केयर सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया है। इस सॉफ्टवेयर की शुरूआत 01 अक्टूबर, 2024 से आम किसानों के लिए कर दी जायेगी। इस पोर्टल के माध्यम से योजना में पारदर्षिता आयेगी तथा योजना के शत-प्रतिषत लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
रिक्त पदो के विरूद्ध नियुक्ति-विभाग द्वारा 332 रिक्त पदों को भरने हेतु कार्रवाई के तहत अधियाचना सामान्य प्रषासन विभाग को भेजी जा चुकी है।

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