पटना 29 सितम्बर 2024
सूबे के स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन दिनों समूचे भारत में स्वच्छता सेवा अभियान चलाया जा रहा है। 2 अक्टूबर को इसकी 10वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस अभियान के तहत विशेष रूप से केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, कार्यालयों, सार्वजनिक व पर्यटक स्थलों, रेलवे स्टेशनों तथा आसपास के परिसरों आदि की साफ- सफाई के लिये विशेष सफाई अभियान चलाकर लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि स्वच्छता अभियान सतत चलता रहे। राष्ट्रपति से लेकर उपराष्ट्रपति तक ने इस अभियान की प्रशंसा की है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य खुले में शौच को खत्म करना, हर घर में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना, ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करना, पेयजल की पर्याप्त और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाना, जलजनित रोगों के खतरे को कम करना एवं स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षा को बढ़ावा देना रहा है।
श्री पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य स्वच्छ भारत बनाना हैै। दुनिया की प्रमुख बहु-विषयक विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि इस अभियान से देश में सालाना 60,000-70,000 शिशुओं की जान बच रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि डायरिया से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आयी है, जिसका सीधा सम्बन्ध स्वछता से रहा। रिपोर्ट के अनुसार शौच से मुक्त गांवों में रहने वाले परिवारों को स्वास्थ्य लागत पर प्रतिवर्ष औसतन 50 हजार रुपये की बचत भी हुई।
श्री पांडेय ने कहा कि भारत में स्वच्छ भारत मिशन को शुरू हुए लगभग 10 साल हो गए हैं। इस दौरान चरणबद्ध तरीके से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए गए स्वच्छता अभियान के सार्थक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। जो खासकर गरीबों व स्लम बस्तियों में रहने वाली आबादी के लिए ज्यादा असरदार साबित हुई। उनमें साफ – सफाई को लेकर जागरुकता आयी। जिसका पूरा श्रेय आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जाता है। गांव-गांव और शहर- शहर में स्वच्छता को लेकर होड़ सी लग गई और इसके परिणाम स्वरूप गांव, जिला और प्रदेश सहित समूचे भारत में स्वच्छता की बयार बहने लगी। जिसने बीमारियों की रोकथाम पर असर डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शौचालय बनवाने के लिये राशि को बढ़ाकर 12 हजार रूपये कर दिए। यह राशि चिन्हित बीपीएल परिवार को दिए जाते हैं। लगभग 64 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण, 6.30 लाख से अधिक सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, 4576 शहरों को ओडीएफ शहर का दर्जा, 3913 शहरों को ओडीएफ प्लस का दर्जा योजना की सफलता की कहानी बयां कर रहा है।