पटना 16 अक्टूबर 2024

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में बुधवार (16 अक्टूबर 2024) को विश्व खाद्य दिवस मनाया गया। मौक़े पर संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने बताया कि विश्व खाद्य दिवस 2024 की थीम ‘बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार’ रखी गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को भोजन में विविधीकरण लाने तथा बेहतर और स्वस्थ भोजन क्यों जरूरी है, इसके प्रति जागरूक करना है।

इस अवसर पर डॉ. दास ने खाद्य उत्पादन के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य के महत्त्व पर भी जोर दिया और बताया कि इसमें कृषि वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह भी बताया कि हमें मिलकर ‘भोजन की शून्य बर्बादी’ जैसी पहल पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है । कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में ब्रह्मकुमारी संस्था से रविन्द्र भाई, मधु बहन एवं रूपा बहन उपस्थित थीं। रविन्द्र भाई ने अपने वक्तव्य में खाद्य उत्पादकता के साथ-साथ पौष्टिकता की महत्ता पर जोर दिया। मधु बहन ने बताया कि भोजन को भगवान मानकर इसे ग्रहण करना चाहिए एवं स्वस्थ भोजन से ही स्वस्थ तन और मन की प्राप्ति होती है। उन्होंने शाश्वत योगिक खेती के बारे में भी ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. आशुतोष उपाध्याय, प्रभागाध्यक्ष, भूमि एवं जल प्रबंधन ने खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने में कृषकों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, युवाओं, सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के योगदान का जिक्र किया एवं विश्व खाद्य दिवस पर आधारित अपनी स्वरचित कविता सुनाई। संस्थान के अन्य प्रभागाध्यक्षों ने भी खाद्य उत्पादकता, खाद्य विविधता, खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य उपलब्धता पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

इससे पूर्व, डॉ. धीरज कुमार सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया एवं उपस्थित प्रतिभागियों को विश्व खाद्य दिवस के महत्त्व पर संक्षिप्त जानकारी दी। डॉ. कुमारी शुभा, वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में आईएआरआई पटना हब के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के 35 विद्यार्थियों एवं संस्थान के अन्य कर्मचारियों सहित 60 लोगों ने भाग लिया ।

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