पटना 29 अक्टूबर 2024
धनतेरस का इतिहास प्राचीन भारतीय मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली से दो दिन पहले समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि का अवतरण हुआ था। मन जाता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।
इसलिए यह दीपवाली से पहले मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार माना जाता है। धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों ने अमृत निकालने के लिए समुद्र मंथन किया था। समुद्र की गहराई से भगवान धन्वंतरि निकले, जो अमृत का कलश लेकर निकले, जो स्वास्थ्य और मानव जाति की भलाई का प्रतीक है।
इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।धनतेरस पर नमक खरीदना भी शुभ माना जाता है। इस नमक का इस्तेमाल दिवाली के खाने में और घर से नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए साफ-सफाई में किया जा सकता है।धनतेरस पर झाड़ू खरीदना देवी लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक है। धनतेरस की शाम भगवान कुबेर और धनवतंरी की पूजा के बाद यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है. कहते हैं कि यह दीपक जलाने से अकाल मृत्यु और दुर्घटना का भय टल जाता है इस शुभ अवसर पर भगवान धनकुबेर और भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना करने का विधान है।धनतेरस की शाम को भगवान कुबेर और धनवतंरी की पूजा के बाद यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है। जिसे यम का दीपक अथवा दीया भी कहा जाता है। कहते हैं कि यह दीपक जलाने से अकाल मृत्यु और दुर्घटना का भय टल जाता है।
भगवान धन्वंतरि, दिव्य चिकित्सक, जिन्हें आयुर्वेद के जनक के रूप में भी जाना जाता है, अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। भगवान धन्वंतरि की तस्वीर उत्तर-पूर्व कोने के उत्तर में रखी जा सकती है।
कैसे करें भगवान धनवंतरी का पूजन ?
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव को खीर या पांच प्रकार की मिठाई का भोग लगाएं। भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव के मंत्रों का जाप करें ।मन्त्र इस प्रकार है। वन्दे धन्वन्तरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम ॥1॥
श्री धनवन्तरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ॥ २॥
फिर धभगवान धन्वंतरि और कुबेर देव के समक्ष धूप बत्ती जलाएं, घी का चौमुखी दीया जलाएं, अन्य 13 दीये भी घर के अलग-अलग स्थानों पर जलाएं। दोनों देवों की श्रद्धा से आरती गाएं।
धनतेरस के दिन नुकीली चीजें जैसे – चाकू, कैंची, कांच, चीनी मिट्टी, प्लास्टिक, लोहा, स्टील, एल्युमिनियम आदि वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में दुर्भाग्य का आगमन होता है। इसके अलावा इस दिन काला कंबल, काले व नीले वस्त्र और तेल आदि का खरीदना भी अशुभ माना जाता है।
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