पटना, 15 नवंबर 2024
सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, बिहार, पटना के संवाद कक्ष में श्री अरविन्द कुमार चौधरी, प्रधान सचिव, निगरानी विभाग की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया ।
विदित है कि निगरानी विभाग का गठन 26 फरवरी, 1981 को किया गया। मूलतः निगरानी विभाग का उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था को भ्रष्टाचार एवं कदाचार से मुक्त करना है। राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सकारात्मक एवं निरोधात्मक निगरानी रखने हेतु वर्तमान निगरानी प्रणालियों को सक्षम, कारगर, संवेदनशील एवं गतिशील बनाना ही इस विभाग का मुख्य उद्देश्य है। निगरानी विभाग द्वारा सरकार के भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति, लोक निधि के दुरूपयोग को रोकने के साथ-साथ लोक निर्माण में गुणवŸा सुनिश्चित करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।
उपलब्धियाँ
(क) निगरानी विभाग :-
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज कांडों के विचारण हेतु तीन विशेष निगरानी न्यायालय, पटना, मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर में कार्यरत है। वादों के विचारण हेतु विशेष निगरानी न्यायालय, पटना में 11 (ग्यारह), मुजफ्फरपुर 04 (चार) एवं भागलपुर में 02 (दो) विशेष लोक अभियोजक कार्यरत है।
- बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के तहत 06 (छः) न्यायालय 02 (दो) पटना 02 (दो) मुजफ्फरपुर एवं 02 (दो) भागलपुर में कार्यरत है। वादों के विचारण हेतु विशेष निगरानी न्यायालय, पटना में 02 (दो), मुजफ्फरपुर में 02 (दो) एवं भागलपुर में 02 (दो) विशेष लोक अभियोजक कार्यरत है।
- जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024 तक बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के अन्तर्गतलोक सेवकों के कुल राशि ृ 23ए57ए77ए060ध्. रूपये के सम्पिŸा अधिहरण हेतु 25 घोषण पत्र निर्गत किये गये हैं, जिनमें से कुल राशि ृ 18ए24ए90ए158ध्. रूपये के 15 घोषणा पत्र लोक सेवकों के विरूद्ध सम्पिŸा अधिहरण के मामलों में आने वाली वैधानिक रूकावटों एवं बाधाओं को दूर करने हेतु बिहार विशेष न्यायालय (संशोधन) नियमावली 2024के प्रवृŸा होने के पश्चात् निर्गत किये गये हैं।
- भ्रष्टाचार के नियंत्रण हेतु विभागीय एवं जिला स्तरीय निगरानी कोषांगों को सशक्त एवं प्रभावी ढंग से कार्य करने की दिशा में पहल की गयी है। विभागीय मुख्य निगरानी पदाधिकारियों के साथ दिनांक 30.09.2024 को बैठक की गयी है एवं दिशा-निर्देश दिये गये हैं। जिला में गठित जिलास्तरीय उड़नदस्ता दल के साथ दिनांक 06.12.2024 को बैठक-सह-प्रशिक्षण कार्यशाला निर्धारित है।
- निगरानी संबंधी दर्ज प्राथमिकियों के विरूद्ध लंबित अभियोजन स्वीकृति की नियमित समीक्षा से अभियोजन स्वीकृति के मामलों का निष्पादन तेजी से हो रहा है।
- निगरानी विभाग द्वारा प्राप्त परिवाद पत्रों की जाँच कराकर नियमानुसार निष्पादन किया जाता है।
- निगरानी विभाग के स्तर पर एक पोर्टल का निर्माण छप्ब्के माध्यम से किया गया है। सभी प्राप्त परिवादों को इसी पोर्टल पर अपलोड करने की कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में इसी पोर्टल के माध्यम से विभागों/जिलो को परिवादों को जाँच हेतु भेजते हुए उसका अनुश्रवण किया जायेगा।
(ख) निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (दिनांक 01.01.2024 से 31.10.2024 तक) :-
* निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा इस वर्ष कुल 13 प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें पद के भ्रष्ट दुरूपयोग के 05 मामले, प्रत्यानुपातिक धनार्जन के 02 मामले एवं ट्रैप के 6 मामले हैं। गृह तलाशी के क्रम में कुल 3,18,000/- ( तीन लाख अठारह हजार) की नगद एवं 5,88,321/- ( पाँच लाख अठासी हजार तीन सौ एक्कीस) रूपये मूल्य के आभूषण की बरामदगी की गयी है। ट्रैप कांडों में रिश्वत की राशि ` 4,89,000/- (चार लाख नवासी हजार) रूपये है।
* बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम-2009 के तहत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना द्वारा अनुसंधानित 13 वादों के अभियुक्तों की कुल 15,75,54,287/- (पन्द्रह करोड़ पचहŸार लाख चौवन हजार दो सौ सतासी) रूपये की अवैध रूप से अर्जित चल एवं अचल सम्पत्ती को जब्त करने से संबंधित राज्यसात वाद में प्राधिकृत पदाधिकारी के न्यायालय के द्वारा सरकार के पक्ष में सम्पत्ती अधिहरण करने संबंधी आदेश दिया गया।
* निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा इस अवधि में अनुसंधानोपरान्त 21 (एक्कीस) कांडों में सक्षम प्राधिकार से अभियोजन स्वीकृत्यादेश प्राप्त कर आरोप पत्र माननीय विशेष न्यायालय निगरानी में समर्पित किया गया है।
* निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अनुसंधानित एवं आरोपपत्रित ट्रैप के 14 वादों, पद के भ्रष्ट दुरूपयोग के एक वाद कुल 15 वादों में माननीय विशेष न्यायालय द्वारा कुल 15 लोक सेवक अभियुक्तों को सजा दी गयी है।
* नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जाँच के क्रम में कुल 94 अभियुक्तों के विरूद्ध 94 कांड संबंधित जिला में जाँचोपरान्त अंकित कराया गया है।
* 01.01.2020 से 31.10.2024 तक बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम-2009 के तहत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना द्वारा अनुसंधानित 43 प्रत्यानुपातिक धनार्जन के कांडों से संबंधित कुल 46,68,91,486/- (छियालीस करोड़ अड़सठ लाख एकानवे हजार चार सौ छियासी) रूपये की अधिहरण की कार्रवाई हेतु प्राप्त प्रस्ताव में सरकार द्वारा 42 मामलों में घोषणा पत्र निर्गत किया गया है।
* 01.01.2020 से 31.10.2024 तकट्रैप के कुल 148 मामले, पद के भ्रष्ट दुरूपयोग के कुल-25 मामले तथा प्रत्यानुपातिक धनार्जन के कुल 43 मामलों में कांड दर्ज किये गये। ट्रैप के मामले में 172 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई तथा उनके पास से रिश्वत की राशि 80,05,000/- (अस्सीलाख पाँचहजार) रूपये तथा अतिरिक्त राशि 30,19,300/- (तीस लाख उन्नीस हजार तीन सौ) रूपये बरामद किये गये।
प्रत्यानुपातिक धनार्जन से संबंधित कांडों में गृह तलाशी के क्रम में अभियुक्तों के घर से 17,70,49,970/- (सत्रह करोड़ सत्तर लाख उनचास हजार नौ सौ सत्तर) रूपये नगद एवं कुल 14,65,00,532/- (चौदह करोड़ पैंसठ लाख पाँच सौ बत्तीस ) रूपये मूल्य के आभूषण बरामद किया गया है।
* 01.01.2020 से 31.10.2024 तक अनुसंधानोपरान्त 261 कांडों में आरोप पत्र माननीय विशेष न्यायालय, निगरानी में समर्पित किया गया।
* निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अनुसंधानित एवं आरोपपत्रित ट्रैप के 26 वादों, प्रत्यानुपातिक धनार्जन के 01 वाद एवं पद के भ्रष्ट दुरूपयोग के 01 वाद में माननीय विशेष न्यायालय के द्वारा कुल-29 लोक सेवक अभियुक्तों को सजा सुनाई गई।
* माननीय उच्च न्यायालय, पटना के आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा निगरानी जाँच संख्या-बी०एस०-08/2015 संधारित कर नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जाँच की जा रही है। इस अवधि में कुल 2768 अभियुक्तों के विरूद्ध 1563 कांड संबंधित जिला में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जाँचोपरान्त अंकित कराया गया है।
(ग) विशेष निगरानी इकाई, पटना :-
- विशेष निगरानी इकाई द्वारा वर्ष 2024 में अबतक 06 प्राथमिकी दर्ज किये गये हैं।इकाई के गठन के पश्चात् कुल 52 कांडों को अनुसंधान हेतु दर्ज किया गया है।
- इस इकाई द्वारा वर्ष 2022 से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने के मामले से संबंधित अभी तक कुल 09 प्राथमिकी दर्ज की गयी।
- अनुसंधानरत मामलों में माननीय विशेष न्यायालय में 26 कांडों में अभियोग पत्र दाखिल किया गया है। बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम-2009 के तहत अचल सम्पिŸा जब्त करने की प्रक्रिया में अभी तक 12 (बारह) कांडों में राज्यसात की कार्रवाई की गई है।
(घ) तकनीकी परीक्षक कोषांग, पटना :-
* जनवरी 2024 से दिनांक 31.10.2024 तक तकनीकी परीक्षक कोषांग द्वारा निगरानी विभाग से आदेशित कुल 38 (अड़तीस) भवन मूल्यांकन मामलों में मूल्यांकन प्रतिवेदन समर्पित किया गया है।
* निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई से संबंधित तकनीकी मामलों में इस कोषांग द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है। जनवरी 2024 से दिनांक 31.10.2024 तक कोषांग द्वारा कुल 14 (चौदह) भवन मूल्यांकन प्रतिवेदन समर्पित किया गया है।
* अन्य विभागों से प्राप्त संचिकाओं पर भी तकनीकी परीक्षक कोषांग द्वारा तकनीकी कार्यों पर परामर्श दिया जाता है।
* कार्य विभागों के राज्य स्तरीय अनुसूचित दर निर्धारण प्रक्रिया में अनुसूचित दर के प्रकाशन हेतु निर्धारित बैठकों में अपना मंतव्य एवं सुझाव देकर अनुसूचित दर की स्वीकृति में तकनीकी परीक्षक कोषांग की महत्वपूर्ण भूमिका है।
* तकनीकी परीक्षक कोषांग अन्तर्गत कार्यरत प्रयोगशाला में आवश्यक यंत्र/संयत्र स्थापित कर प्रयोगशाला जाँच की व्यवस्था को सृदृढ़ किया गया है।
* कार्य विभागों द्वारा सम्पादित कराये जा रहे कार्यों के उच्च स्तर के कार्य सम्पादन को सुनिश्चित करने के लिये तथा डिजाईन एवं स्पेसिफिकेशन के अनुरूप कार्य को सुनिश्चित करने हेतु तकनीकी परीक्षक कोषांग द्वारा समय-समय पर योजनाओं की औचक जाँच की जाती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निगरानी विभाग के प्रधान सचिव,अरविन्द कुमार चौधरी के अतिरिक्त पंकज कुमार दराद, अपर महानिदेशक, विशेष निगरानी इकाई,एस. प्रेमलथा, पुलिस महानिरीक्षक,रामा शंकर, संयुक्त सचिव, तथा अंजु सिंह, संयुक्त सचिव (विधि) के साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।