पटना ,20 नवम्बर 2024

बिहार जनता दल (यू0) के माननीय प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के जरिए राज्यकर्मी का दर्जा देकर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के 1.14 लाख से अधिक घरों में खुशियां बिखेरने का काम किया है। साथ ही बिहार के शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में यह कदम निर्णायक साबित होगा।

उमेश सिंह कुशवाहा ने आगे कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना नीतीश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। वर्ष 2005 में बिहार का शिक्षा बजट करीब 4 करोड़ रुपये था जो वर्तमान में बढ़कर 56 हजार 382 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। प्रदेश के बजट का तकरीबन 18 फीसदी हिस्सा आज शिक्षा के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास के लिए व्यय किया जा रहा है।

साथ ही उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में प्रदेश में शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय और हाशिये पर थी। नीतीश सरकार में हुई नियुक्तियों का झूठा श्रेय लेने के बजाए नेता प्रतिपक्ष को अपने माता-पिता की उपलब्धियां जनता को बताना चाहिए। वर्ष 1990 से 2005 के बीच 15 वर्षों के कार्यकाल में कितने सरकारी शिक्षकों की बहाली हुई थी इसकी चर्चा नेता प्रतिपक्ष कभी नहीं करते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश सरकार द्वारा शिक्षा की बेहतरी हेतु किए गए सुधारात्मक प्रयासों का परिणाम है कि वर्ष 2005 में स्कूलों के बाहर रहने वाले बच्चों का प्रतिशत 12.5 था जो कि अब घटकर 0.5 से नीचे आ गया है। साथ ही वर्ष 2005 में बिहार का महिला साक्षरता दर 33 प्रतिशत से बढकर 77 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। यह असाधारण परिवर्तन हमारे नेता के दूरदर्शी सोच को दर्शाता है।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You missed