रजौली,नवादा 25 अप्रैल 2024

थाना क्षेत्र के बैजदा गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है.आइसक्रीम लाने गई नौ वर्षीय बच्ची के साथ अधेड़ दुकानदार द्वारा गलत नियत से छेड़छाड़ करने वाले के विरुद्ध बच्ची की मां ने थाने को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.

आवेदिका ने बताया कि बीते बुधवार की सुबह लगभग 11 बजे मेरी बेटी गांव के ही कृष्णा साव के घर में रहे दुकान से आइसक्रीम लाने गई थी.गर्मी अत्यधिक पड़ने के कारण अधिकांश लोग अपने घरों में थे.जिसका फायदा उठाकर दुकानदार ने उसे आइसक्रीम के साथ कोल्डड्रिंक फ्री में देने की बात कहकर अंदर बुलाया और गलत हरकत करने लगा.जिसके बाद नाबालिग बच्ची रोने-बिलखने लगी और रोते हुए घर आकर परिजनों को सारी बात बताई.परिजनों ने बच्ची को शांत करके आराम से सभी बातों को समझने का प्रयास किया.फिर उसके बाद थाने को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.इस बाबत पर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने कहा कि मामले की गम्भीरता को देखते हुए लिखित आवेदन के आलोक में थाना काण्ड संख्या 182/24 में प्राथमिकी दर्ज कर अग्रतर कानूनी कार्रवाई में जुट गई है.

गुड टच एवं बैड टच की जानकारी होना जरूरी

समाजसेवियों की मानें तो सभी परिजनों द्वारा अपने बच्चियों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में जरूर जानकारी दी जानी चाहिए.ताकि उनके साथ कोई गलत व्यवहार न कर सके.साथ ही कहा कि आज के दौर में हमारा समाज विकसित हो रहा है,इसके साथ ही मनुष्य की आपराधिक मनोवृत्ति भी बढ़ रही है.कुछ समय पहले आपराधिक मानसीकता वाले लोग समाज की चीजों को टारगेट करते थे,हाल ही के वर्षों में ये छोटे बच्चों और शिशुओं को निशाना बनाने लगे हैं.मानवता दिनों-दिन शर्मसार होती जा रही है.जो अपने यौन आकर्षण के लिए इनका गलत इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इन्हें पता है कि कम उम्र के मासूम बच्चे कमजोर व अबोध होते हैं.ये जल्दी दूसरों पर विश्वास कर लेते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल उनकी बातों में भी आ जाते है.इस तरह के ज्यादातर अपराधी रिशतेदार में से या तो आस-पड़ोस या जान पहचान वाले ही होते हैं.कई बार तो घर की काम वाली बाई या स्कूल कर्मचारी के साथ स्कूल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट के लोग भी ऐसा अपराध करते हैं.बच्चों के साथ हो रहे अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरूकता की कमी भी हैं.ऐसे में माता-पिता का कर्तव्य बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है,जैसे बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देना, लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने की भी बहुत जरूरत है,ताकि उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में पता चले.बहुत से मां-बाप गुड टच और बैड टच के बारे में बताना कम जरूरी समझते हैं और हिचकिचाया करते हैं.जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार हो जाते हैं.

क्या है गुड टच और बैड टच –

गुड टच-अगर कोई आपके सिर पर हाथ फेर रहा है,बाल खिलाना या गाल खींच रहा है तो इसे गुड टच कहते हैं.

बैड टच-जब कोई वहीं सर के नीचे के हिस्सों को छूए या ऐसे हिस्सों को छूए जिनसे आपको कम्फ़र्टेबल न लगे तो इसे बैड टच कहते हैं.

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