बिहार शरीफ 06 जून 2024

नालंदा में आज निजी क्लीनिक के डॉक्टर एकदिवसीय हड़ताल पर रहने वाले थे। हालांकि जिलाधिकारी की पहल पर एक दिवसीय हड़ताल को आईएमए बिहार शरीफ ने टाल दिया है ।दरअसल भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पवापुरी में 1 जून को पूरी गांव के एक मरीज के इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

इसके बाद गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी थी। इसके विरोध में विम्स के डॉक्टर और छात्र आंदोलनलत हैं। उनके आंदोलन को इम्न ने समर्थन दिया है ।आईएमए से जुड़े सभी डॉक्टर ने गुरुवार को नालंदा में अपने-अपने क्लीनिक को बंद रखने का फैसला किया था। नालंदा में भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पवापुरी बिहार शरीफ सदर अस्पताल राजगीर और हिल्स में अनुमंडल अस्पताल के अलावा कुल 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं।विम्स को छोड़कर सभी जगह स्वास्थ्य सेवाएं बहाल है। नालंदा में करीब 122 नर्सिंग होम रजिस्टर्ड है।जहां औसतन 6 हजार से 65 सौ मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंचते हैं। निजी कली के बंद रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता। आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र प्रसाद और सेक्रेटरी डॉक्टर अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस रिलीज जारी कर हड़ताल को वापस लेने की बात कही हैं। अध्यक्ष डॉक्टर वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिलाधिकारी ने आज शाम में मीटिंग बुलाई है जिससे हम लोग दोषियों पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग को रखेंगे। मीटिंग के बाद जो स्थिति छनकर सामने आएगी उसके मुताबिक आगे का निर्णय लिया जाएगा। भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पवापुरी में लगातार छठे दिन भी ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बाधित रही। मुख्य गेट पर ताला लटका रहा जिसके कारण मरीज और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा मुख्य गेट पर एक पोस्ट चस्पा किया गया है। जिसमें यह लिखा गया है कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट नहीं तो ड्यूटी नहीं। राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को शुद्धि प्रतिवेदन के साथ न्यायालय में समर्पित किया गया है। जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया। दर्ज कांड में दो नामजद अभियुक्त बबलू सिंह और संतोष कुमार को गिरफ्तार न्यायालय को सुपुर्द कर दिया गया था। विभिन्न धाराओं में 7 साल से काम की सजा होने के कारण न्यायालय से जमानत मिल गई एन आरोपियों के खिलाफ पुलिस छापेमारी में जुटी हुई है। विम्स प्रबंधक से स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने की अपील की गई है। वहीं ,भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पवापुरी के सुपरिंटेंडेंट से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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