भुवनेश्वर, 20 अक्टूबर 2022
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को एक बयान जारी कर मछुआरों को 22 अक्टूबर से पहले समुद्र से वापस लौट आने की सलाह देते हुए चक्रवाती तूफान आने की सम्भावना जताई है। बयान में विज्ञान विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा संभावित चक्रवात 25 अक्टूबर को ओडिशा के तट को छोड़ पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तट से टकरा सकता है।जारी बयान के अनुसार बंगाल की खाड़ी में गुरुवार को कम दबाव वाला क्षेत्र बन रहा है और अगले चार दिन में इसके तीव्र होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है । मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा कम दबाव का क्षेत्र 22 अक्टूबर तक गहरे निम्न दाब क्षेत्र में और 23 अक्टूबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इसके दोबारा उत्तर की ओर मुड़ने और 24 अक्टूबर तक पश्चिम मध्य और उससे लगी पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है।जिसके बाद यह धीरे-धीरे उत्तर- उत्तरपूर्व की ओर बढ़ेगा और 25 अक्टूबर को ओडिशा से बचते हुए पश्चिम बंगाल और बांगलादेश के तट से टकराएगा।बताया गया है कि फ़िलहाल तूफान की तीव्रता और उस दौरान बहने वाली हवाओं की गति का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सका है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 23 अक्टूबर से ओडिशा के तटीय इलाकों पुरी, केंद्रपाड़ा और जगतसिंह जिलों में मूसलाधार बारिश हो सकती है।
इससे पहले भी गुरुवार कि सुबह आईएमडी ने बयान जारी कर कहा था कि दक्षिण-पूर्व तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा कम दबाव का क्षेत्र 22 अक्टूबर तक गहरे दबाव में और 24 अक्टूबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि उत्तरी अंडमान सागर और उसके आसपास चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के कारण उत्तरी अंडमान सागर व दक्षिण अंडमान सागर के आसपास के क्षेत्रों और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से औसतत 7.6 किलोमीटर तक उठ रहा है।
मौसम विज्ञान विभाग कि सहेतवानी के बाद ओडिशा सरकार ने आईएमडी के चक्रवात के पूर्वानुमान के मद्देनजर सात तटीय जिलों के प्रशासन को ‘अलर्ट’ कर दिया है। साथ ही अधिकारियों से सतर्क रहने और स्थिति पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। और मछुआरों को समुद्र में विपरित परिस्थितियां उत्पन्न होने की प्रबल सम्भावना को देखते हुए 22 अक्टूबर से पहले समुद्र से लौट आने की सलाह दी गयी है। बताया जा रहा है कि चक्रवाती तूफान का असर गंजाम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों में दिख सकता है।