बिहटा,पटना , 21 अक्टूबर 2022
शुक्रवार को अमहरा स्थित एस एन बी फाउंडेशन के प्रांगण पर अमहारा फाउंडेशन के तत्वाधान में बिहार केशरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 135वी जयंती पर चिन्तन शिविर सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में पंहुचे मुख्य अतिथि पूर्व सांसद सह भूतपूर्व कुलपति राम जी सिंह,भूतपूर्व कुलपति उमेश शर्मा,महान स्वतंत्रता सेनानी सत्या शर्मा,प्रख्यात चिकित्सक डॉ ललित मोहन शर्मा, प्रख्यात अर्थशास्त्री सह प्रचार्य डॉ नवल किशोर चौधरी,आइआइटी सहायक रजिस्ट्रार डॉ त्रिपुरारी शरण,पूर्व जिला पार्षद अध्यक्ष ज्योति सोनी,भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अजित कुमार सिंह,संस्था अध्यक्ष डॉ अशोक गगन, संरक्षक डॉ विजय कुमार शर्मा,डॉ अर्जुन सिन्हा, सचिव रवि शंकर,सदस्य अमित कुमार,सुमित कुमार,चंदन कुमार सिंह, अरबिंद चौधरी आदि ने डॉ श्रीकृष्ण सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण, पुष्पाजंलि करते हुए दिप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
राघवपति राघव राजा राम गान से कार्यक्रम का शुरुआत किया गया।यही संस्था अध्यक्ष डॉ अशोक गगन के द्धारा मंचासीन अतिथिओ को पुष्पगुच्छ, मेमोंटू एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत किया।वही डॉ गगन ने स्वागत भाषण ने सभी लोगो को अभिवादन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण सिंह के महज 10 साल के कार्यकाल में बिहार में उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला व सामाजिक क्षेत्र में कई कार्य हुये। उनमें आजाद भारत की पहली रिफाइनरी- बरौनी ऑयल रिफाइनरी, आजाद भारत का पहला खाद कारखाना- सिन्दरी और बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना-भारी उद्योग निगम (एचईसी) हटिया, देश का सबसे बड़ा स्टील प्लांट- सेल बोकारो, बरौनी डेयरी, एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड- गढ़हरा, आजादी के बाद गंगोत्री से गंगासागर के बीच प्रथम रेल सह सड़क पुल-राजेंद्र पुल, कोशी प्रोजेक्ट,पुसा व सबौर का एग्रीकल्चर कॉलेज, बिहार, भागलपुर, रांची विश्वविद्यालय इत्यादि जैसे कई कार्य किये।वही पूर्व सांसद रामजी सिंह,डॉ नवल किशोर चौधरी ने कही की अखंड बिहार के विकास में उनके अतुलनीय, अद्वितीय व अविस्मरणीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।वे आधुनिक बिहार के निर्माण में शिल्पकार की भूमिका निभायी थी।वही अन्य वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री बाबू एक ऐसे महान नेता थे कि उन्होंने जनता के पास कभी वोट मांगने नहीं गए।उन्होंने हमेशा कहते थे कि जनता हमारी पांच साल की सेवा और कार्य के ऊपर वोट करेगी।श्री बाबू के लिए सत्ता हर समय केवल समाज सुधार एवं समाज के समग्र उत्थान का माध्यम रहा।उनके लिए हर समय अपने निजी घर परिवार से बड़ा देश और समाज का महत्व रहा है।कार्यक्रम के अंत मे सभी लोगो को शपथ दिलवाया गया।