पटना 29 अप्रैल 2023

शनिवार को “शिक्षा और नवाचार में एआई की भूमिका: प्रोम्पट इंजीनियरिंग” पर एक कार्यशाला का आयोजन एआईसी बी.भी. फाउंडेशन, पटना एवं देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान मे, देशरत्न भवन, बिहार विद्यापीठ, सदाकत आश्रम, पटना में किया गया।

अतिथि वक्ता एआई के क्षेत्र में विशेषज्ञ, एवं प्रख्यात प्रोफेसर, प्रो. प्रभात रंजन, कुलपति, डी वाई पाटिल विश्वविद्यालय, पुणे द्वारा ने प्रांप्ट इंजीनियरिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) की अवधारणा स्पष्ट की। साथ ही “प्रांप्ट-आधारित शिक्षा” पर आधारित “कार्य प्रश्न को वर्णनात्मक उत्तर में कैसे परिवर्तित करें” की समझ विकसित की । उन्होंने कहा कि विगत चार माह में चैट जी टी पी तेजी से विकसित हो रही है और आज यह पब्लिक डोमेन में सहज उपलब्ध है। इससे सूचना प्रौद्योगिकी में बड़ी बौद्धिक क्रांति हुई है। उन्होंने कहा कि 30 नवंबर, 2022 को चैटजीपीटी जारी होने के साथ- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग में तीव्र वृद्धि हो गयी है क्योंकि, अब बिना तकनीकी ज्ञान वाले आम लोग भी इसका उपयोग कर सकते हैं। आज एआई का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे शिक्षण पाठ योजना, पाठ में विज्ञापन, छवि, वीडियो, ऑडियो प्रारूप आदि में इसका उपयोग हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पेंटिंग, फोटोग्राफी, प्रकाशन आदि में भी इसकी संभावनाएँ असीमित हैं। हमें एआई को व्यापक पैमाने पर अपनाने की जरूरत है अन्यथा हम विकास के दौर में पीछे रह जाएंगे!
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विजय प्रकाश भा.प्र.से. (से.नि.) अध्यक्ष, बिहार विद्यापीठ ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आगमन एक बड़ी सूचना क्रांति है। अब मानव को निरंतर चिंतनशील होना होगा ताकि हम मशीन से पीछे नहीं रह जाएं।

उन्होंने बल देते हुए कहा कि यह चैट जीटीपी के प्रार्दुभाव के बाद विद्यालयी, विश्वविद्यालयी पाठ्यक्रमों, व्यापार, विनिमय, प्रशासनिक कार्यों, राजनीतिक निर्णयों के स्वरूप में भी परिवर्तन करना होगा। शैक्षणिक पाठ्यचर्या में भी कोडिंग एवं प्रोम्पट इंजीनियरिंग को जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने उद्यमियों के बीच ए आई के उपयोग से नई सम्भानाओ की भी चर्चा की।
बिहार महिला उधोग की अध्यक्ष उषा झा ने कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर शुरू हुआ है। यह एक प्रगतिशील कदम है, उपयोगी भी है। किन्तु उन्होंने यह भी आशंका जताई कि भविष्य में मानव और मशीन में लड़ाई भी हो सकती है।
डॉ. राकेश कुमार सिंह, एचओडी, नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने एआई आधारित स्टार्टअप की तीव्र वृद्धि पर जोर दिया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान दौर में विज्ञान का एक आधुनिक चमत्कार है।

इस अवसर पर डॉ राणा अवधेश भा.प्र.से.(से.नि.) सचिव, श्री निवास बि.प्र.से. (से.नि.), डॉ मृदुला प्रकाश, निदेशक शिक्षा संस्कृति एवं संग्रहालय, डॉ वाई.एल. दास, निदेशक शोध, डॉ पूनम वर्मा, प्राचार्य, अवधेश के नारायण, सहायक सचिव, एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, उद्यमी तथा प्रशिक्षुगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में करीब एक सौ पचास लोगों ने भाग लिया।
प्रमोद कुमार कर्ण सी.ओ.ओ., ए.आई.सी.-बिहार विद्यापीठ, ने आगत अतिथियों का स्वागत किया और डॉ राकेश रंजन ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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