पटना, 05 सितम्बर 2023

शिक्षक दिवस के अवसर पर आज पटना विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम का राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्र पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने नव सौंदर्यीकृत व्हीलर सीनेट हॉल का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण भी किया। शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में सेवानिवृत 35 शिक्षकों को एवं वर्तमान में कार्यरत् 21 शिक्षक एवं कर्मचारियों को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। पटना विश्वविद्यालय के नव सौंदर्यीकृत व्हीलर सीनेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम को राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने संबोधित किया ।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में आप सबका स्वागत करता हूं। भारत के महान दार्शनिक, शिक्षाविद् एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। 5 सितंबर को हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर सभी शिक्षकों, शिक्षासेवियों को बधाई देता हूं। जिस समय देश में सात विश्वविद्यालय थे, उस समय पटना विश्वविद्यालय उनमें से एक था। यह देश का सातवां विश्वविद्यालय था, जो वर्ष 1917 में बना था और अब यह 106 वर्ष का हो चुका है। पटना विश्वविद्यालय का शिक्षा एवं शोध में अभूतपूर्व योगदान है। इसके विकास के लिए हमलोग हमेशा से तत्पर रहे हैं। हम वर्ष 1966 में यहां पढ़ने आए थे उसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की इसलिए मेरा पटना विश्वविद्यालय से ज्यादा लगाव रहा है। वर्ष 1974 में जे0पी0 आंदोलन यहीं से शुरू हुआ था। देश और दुनिया के बड़े-बड़े लोग यहां आते थे और यहीं पर उनका भाषण और मीटिंग होती थी। छात्र-छात्राएं और शिक्षक भी यहां मौजूद रहते थे। बाहर के लोगों को हमेशा बुलवाया जाता था, आपलोगों से कहेंगे कि देश और बाहर से भी शिक्षा के क्षेत्र में जो बेहतर कार्य कर रहे हैं उनको यहां बुलाएं इससे छात्र – छात्राओं और शिक्षकों को काफी फायदा होगा। आप उनलोगों को बुलाइएगा तो मैं मंच पर नहीं बल्कि आपलोगों के बीच में ही आकर बैठूंगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शुरू से ही चाह रहे थे किए पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाए। हम इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़े हैं। पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिला किन्तु हमारे प्रयास से इंजीनियरिंग कॉलेज को एन0आई0टी0 का दर्जा मिल गया। जब हम श्रद्धेय अटल जी की सरकार में केंद्र में मंत्री थे और उस समय मानव संसाधन मंत्री श्री मुरली मनोहर जोशी जी थे, तो हमने इस सबंध में उनसे मुलकात की, उसके बाद हमारी बात मानी गई और बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन0आई0टी0 का दर्जा मिल गया। एन0आई0टी0 काफी बेहतर बना है। पहले हमलोगों के समय 500 छात्र थे, अब 42 सौ छात्रों की क्षमता वाला इंजीनियरिंग कॉलेज हो गया है। एन०आई०टी० के लिए हमलोगों ने 125 एकड़ जमीन आवंटित किया। जब देश में 6 इंजीनियरिंग कॉलेज थे तब बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग उनमें से एक था। उन्होंने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल को 5462 बेड का देश दुनिया का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनवाया जा रहा है। पटना विश्वविद्यालय के जितने कॉलेज हैं उनकी स्थिति का हमने सुधार किया। मगध महिला कॉलेज में 600 छात्राओं के रहने के लिए सात मंजिला छात्रावास का निर्माण कराया गया है। बिहार नेशनल कॉलेज का भी विस्तार कराया गया है। वहां अकादमिक भवन का भी जीर्णोद्धार कराया गया है। साइंस कॉलेज से ही हमारी पढ़ाई शुरू हुई, साइंस कॉलेज को हम कभी भूल नहीं सकते हैं। पढ़ाई के दौरान जो रूम हमको मिला था, जब वहां से गुजरते हैं तो आज भी उसको देखते हैं। पढ़ाई के दौरान काफी सुविधा थी। साइंस कॉलेज के विस्तार के लिए भी काम किया गया। वहां फिजिक्स, बायोलॉजी, जियोलॉजी के भवनों का भी जीर्णोद्धार कराया गया। राज्यपाल महोदय को ले चलकर दिखाएं कि पटना विश्वविद्यालय में कितना बेहतर काम किया गया है। हमारा राज्यपाल महोदय से आग्रह है कि पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने कैबिनेट सचिव को कहा कि आज ही पटना विश्वविद्यालय के विकास कार्यों से संबंधित प्रस्ताव आज के ही कैबिनेट में लाइए, उसको हम पारित कराते हैं। हमलोगों ने एक-एक जगह पर पूरा काम किया है। पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में जब प्रधानमंत्री जी वर्ष 2017 में आए थे तो उनसे भी पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने का आग्रह किए थे मगर उन्होंने स्वीकार नहीं किया। पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की हमारी मांग शुरू से है। पटना विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए जो कुछ भी संभव होगा हमलोग उसके लिए काम करते रहेंगे। देश का सातवां विश्वविद्यालय होने का गौरव पटना विश्वविद्यालय को प्राप्त है इसलिए इसको भी केंद्रीय स्तर की मान्यता दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शिक्षकों से मैं आग्रह करता हूं कि छात्र-छात्राओं को अच्छे ढंग से पढ़ाएं। छात्र-छात्राएं भी बेहतर ढंग से पढ़ाई करें। आपलोग पढ़ने के साथ-साथ खेल-कूद में भी रूचि लें। आपस में सभी छात्र-छात्राएं प्रेम और भाईचारे के साथ रहें। हमने गंगा किनारे भी घूमने लायक बना दिया है, पढ़ने लिखने के बाद गंगा किनारे भी घूमें। इस विश्वविद्यालय के विकास के लिए हमलोग काम करते रहेंगे। जब तक हम जीवित हैं हमारा लगाव पटना विश्वविद्यालय से बना रहेगा। आपके बीच कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे काफी खुशी हो रही है। कार्यक्रम को पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० गिरीश कुमार चौधरी ने भी संबोधित किया ।

कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘रिफ्लेक्शन’ का विमोचन किया। पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० गिरीश कुमार चौधरी ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अंग वस्त्र, पौधा, एवं पी०एस०एल०वी० का सांकेतिक स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने स्वागत गान एवं पटना विश्वविद्यालय गान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने एन०सी०सी० परेड की सलामी भी ली ।

कार्यक्रम में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० गिरीश कुमार चौधरी, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० के०सी० सिन्हा, पटना विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो० अजय कुमार सिंह, पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव खगेंद्र कुमार, पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 रासबिहारी सिंह, पूर्व विधान पार्षद प्रो० रणवीर नंदन, मुख्यमंत्री के प्रधान

सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बी० कार्तिकेय धनजी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारीगण, सम्मानित किए गए पूर्व एवं वर्तमान शिक्षकगण, प्राचार्यगण, प्राध्यापकगण, कर्मीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं ।

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