पटना 29 अप्रैल 2024

सूबे के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कांग्रेस से न सिर्फ देश की जनता, बल्कि उसके प्रत्याशी का भी मोह भंग हो रहा है। भाजपा की लहर और आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के डर से एक के बाद एक कांग्रेस प्रत्याशी युद्ध के पहले ही मैदान छोड़ते नजर आ रहे हैं। सूरत के बाद सोमवार को कांग्रेस को फिर एक बड़ा झटका लगा है। इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने नाम वापस लेकर भाजपा पर आस्था जताया है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस का क्या हश्र होगा। यही नहीं आने वाले शेष पांच चरणों के चुनाव के पूर्व कांग्रेस को और झटका लगने वाला है। इसका अंदाजा कांग्रेस को नहीं है।

श्री पांडेेेेेेेेय ने कहा कि दूसरे चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद भी कई सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी तय नहीं कर पायी है। कई महत्वपूर्ण सीटों पर भी अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बावजूद कांग्रेस देश पर राज करने का कोरा सपना देख रही है। गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही अमेठी पर भी अभी तक उधेड़बुन बना हुआ है। अमेठी से भाई चुनाव लड़ेगा या फिर बहन चुनाव लड़ेगी, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है। अभी तक सिर्फ तैयारी चल रही है, लेकिन कौन प्रत्याशी होगा यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। आखिर हो भी कैसे कांग्रेस को यह मालमू है कि कोई भी प्रत्याशी क्यों नहीं हो, हार सुनिश्चित है। इस स्थिति में कांग्रेस अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए हो सकता हो कि अमेठी में किसी और पर भी दाव खेल सकती है। क्योंकि इस बार एनडीए के 400 पार के संकल्प के बीच कांग्रेस की दाल किसी भी सीट पर गलने वाली नहीं है।

श्री पांडेय ने कहा कि कांग्रेस के पास नेता, नीति और नीयत का घोर अभाव है। इसका परिणाम है कि दिग्गज कांग्रेसी अपनी पुरानी पार्टी से दूर हो रहे हैं और भाजपा पर विश्वास जता रहे हैं। यह तो सिर्फ झांकी है, पूरी फिल्म अभी बांकी है। आने वाले दिनों में कई और नेता कांग्रेस से दूरी बनाने वाले हैं, जिसकी तैयारी भी अंदरखाने चल रही है। कांगे्रस समेत पूरे विपक्ष के पास अभी तक जब कोई सशक्त प्रत्याशी नहीं मिल रहा हो, तो प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस पर भी संशय बरकरार है। यह बात अलग है कि विपक्ष की ओर से कई लोग प्रधानमंत्री का दावेदार बता रहे हैं, लेकिन ऐसी नौबत ही नहीं आएगी। विपक्ष का हाल एक अनार और सौ बीमार वाला है। महत्वाकांक्षा की पूर्ति नहीं होने पर पहले तो इंडी गठबंधन के साथियों ने साथ छोड़ा। अब कांग्रेस प्रत्याशी ही मैदान छोड़ रहे हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर सबकी राहें जुदा होंगी।

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